नहीं मिली एंबुलेंस, ई-रिक्शा में प्रसव
सुलतानपुर एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल और कार्य से विरत रहने का खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है।
सुलतानपुर : एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल और कार्य से विरत रहने का खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है। बुधवार देर रात कूरेभार विकास खंड के सलीमपुर ग्रंट गांव की एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा उठी। एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर प्रसव के लिए स्वजन के साथ अस्पताल जा रही गर्भवती ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया। बहरहाल, जच्चा-बच्चा घर पर हैं और दोनों स्वस्थ हैं।
राकेश निषाद की गर्भवती पुत्री नंदिनी अपने मायके में रह रही है। देर रात उसे प्रसव पीड़ा उठी। परिवारजन ने डायल 102 पर फोन कर मदद मांगी, जो कि उपलब्ध नहीं हुई। प्रसव पीड़ा बढ़ने पर गर्भवती को ई-रिक्शा पर बैठाकर स्वजन सीएचसी लेकर जा रहे थे। रास्ते में प्रसव पीड़ा तेज हुई तो साथ मौजूद आशा बहू मंजू शुक्ला की मदद से सड़क किनारे वाहन को लगा नंदिनी का प्रसव कराया गया। इसके बाद दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया, स्वस्थ होने पर जच्चा-बच्चा को गुरुवार को घर भेज दिया गया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. आरए रत्नाकर ने बताया की इमरजेंसी के लिए दो एंबुलेंस तैनात की गईं थीं। बताया कि जच्चा-बच्चा की नियमित देखभाल के लिए आशा बहू को निर्देशित किया गया है।
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इनसेट :
डीएम के हस्तक्षेप पर माने एंबुलेंस कर्मी :
आंदोलन की वजह से मरीजों को हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 34 एंबुलेंस को संचालित किया जा रहा था। लेकिन, जरूरत के हिसाब से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने से दिक्कतें बनी हुई थी। जिला अस्पताल व सीएचसी आने-जाने के लिए मरीजों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा था।
दरअसल, बुधवार को जिला प्रशासन स्तर पर एंबुलेंस कर्मियों से मान-मनौव्वल की गई थी, मगर बात नहीं बनी। गुरुवार को जिलाधिकारी ने एंबुलेंस सेवा संघ के जिलाध्यक्ष राम नरेश व प्रोग्राम मैनेजर सुमित प्रताप सिंह को बुलाकार बातचीत की और आंदोलन को खत्म करने की बात कही। मरीजों की समस्याओं को देखते हुए एंबुलेंस कर्मियों ने काम पर वापस आने के लिए हामी भर दी, हालांकि प्रदेश स्तर पर चल रहे प्रदर्शन का समर्थन एंबुलेंस कर्मी करते रहेंगे।