फसलों-बागवानी संग सबके लिए बारिश फायदेमंद
मानसूनी बरसात के स्वागत में तर हुई धरती एवं गर्मी से राहत मंगलवार की आधी रात से बुधवार को दिनभर होती रही बारिश
अंबेडकरनगर: मुंबई और गुजरात में आए समुद्री तूफान टाक्टे एवं पश्चिमी विक्षोभ के चलते पिछले दो दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है। मंगलवार को बूंदाबांदी और रिमझिम बारिश होती रही। आधी रात के बाद से बारिश तेज हुई और बुधवार को दिनभर तेज-धीमी फुहार पड़ती रहीं। जिला कृषि अधिकारी डा. धर्मराज सिंह ने बताया कि यह बारिश फसलों और बागवानी समेत पशुपालन आदि सबके लिए फायदेमंद साबित होगी।
फसलों को फायदा: पांचों तहसीलों में करीब 50 हजार हेक्टेयर मेंथा, 25 हजार हेक्टेयर गन्ना और छह हजार हेक्टयर आम की फसल लगी है। करीब 20 हजार हेक्टेयर में लगी सब्जी की फसलों समेत दलहनी व तिलहनी फसलों को इस बरसात से काफी फायदा होगा। तेज धूप के बीच इन फसलों को सिचाई की जरूरत महसूस होने लगी थी।
मौसम नरम पड़ने और बारिश होने से इन फसलों में मुनाफा बढ़ेगा। खास तौर पर मेंथा की फसल को लगातार पानी की जरूरत होती है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में लगातार बढ़ोतरी से किसान परेशान हैं। यह बरसात किसानों की जेब पर पड़ते सिचाई के खर्च को हल्का करेगी। आम और सब्जियों की फसल को खूब फायदा होगा। आम की धुलाई एवं पकने में भी बरसात मददगार बनेगी।
पशुपालकों को भी राहत: गर्मी में हरे चारे की कमी और दुधारू पशुओं के दूध कम करने की परेशानी से यह बरसात पशुपालकों को भी राहत देगी। करीब दो हजार हेक्टेयर में मक्का व हरा चारा लगता है। इस बारिश से हरा चारा समृद्ध होगा और पशु दूध भी बढ़ाएंगे।
गर्मी से राहत: पिछले दो दिनों की बारिश से तापमान में भी गिरावट हुई है। भीषण गर्मी से परेशान जनजीवन ने राहत महसूस की है। जिले का तापमान अधिकतम 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों तक बारिश होने और काले बादलों की आवाजाही जारी रखने का अनुमान लगाया है। उधर, पहली जून को केरल से दस्तक देने वाले मानसून का इस बारिश ने धरती को तर कर स्वागत किया है।