तेजी से ठीक हो रहे मरीज, 85 मिले संक्रमित

सोमवार को लखनऊ से प्राप्त रिपोर्ट में जिले में कुल 85 लोगों को कोरोना पाजिटिव पाया गया है वहीं ठीक होने वाले 513 मरीजों को छुट्टी दे दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 12:17 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 12:17 AM (IST)
तेजी से ठीक हो रहे मरीज, 85 मिले संक्रमित
तेजी से ठीक हो रहे मरीज, 85 मिले संक्रमित

सुलतानपुर : शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ बिना मास्क घर से न निकलने से कोरोना से संक्रमण कम हो रहा है। जागरूकता का ही असर है कि हर दिन कोविड के मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। साथ ही होम आइसोलेट व अस्पताल में भर्ती मरीजों के ठीक होने की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।

सोमवार को लखनऊ से प्राप्त रिपोर्ट में जिले में कुल 85 लोगों को कोरोना पाजिटिव पाया गया है, वहीं ठीक होने वाले 513 मरीजों को छुट्टी दे दी गई। संक्रमितों को इलाज के लिए कोविड एल-वन अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। जिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड समेत घरों में भी अधिकांश मरीज होम आइसोलेट किए गए हैं। सीएमओ डा. डीके त्रिपाठी ने बताया कि जिले में लगातार बढ़ रहे केस को रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। सीएमओ की तरफ से टीकाकरण अभियान में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की गई है।

1531 लोगों को लगाया गया टीका : सोमवार को जिला अस्पताल समेत सीएचसी, पीएचसी व हेल्थ सेंटर पर 3840 लक्ष्य के सापेक्ष कुल 1531 लोगों को कोविड का टीका लगाया गया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एएन राय ने बताया कि 45 साल से ऊपर के बिना किसी बीमारी से ग्रसित 513 व्यक्तियों को पहला व 373 लोगों को कोविड का दूसरा टीका लगाया गया। 45 साल से ऊपर के बीमार 23 व्यक्तियों को कोरोना पहला तो 36 लोगों को टीके की दूसरी डोज दी गई। वहीं 60 साल से ऊपर के 198 बुजुर्गों को पहला टीका लगाया गया। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 386 बुजुर्गो को दूसरा टीका लगाया गया। एक हेल्थ केयर वर्मा को दूसरा व एक फ्रंटलाइन वर्कर को टीके की पहली डोज दी गई।

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सड़कों पर दिखा सन्नाटा, बढ़ी दो दिन की बंदी

सुलतानपुर : लाकडाउन के तीसरे दिन सोमवार को भी बाजारें बंद रहीं। दो दिन की बंदी बढ़ने से लोगों ने जरूरी सामान की आपूर्ति को लेकर संशय बना रहा। शहर में मुख्य सड़कों पर तो वाहन चलते रहे, लेकिन गली-मुहल्लों में दुकानें बंद रहीं। लोग घरों से निकले जरूर लेकिन आवश्यक कार्य से ही। दवा समेत सब्जी, फल व दूध की दुकानें खुली रहीं। लोगों ने अपनी जरूरत के मुताबिक खरीदारी की।

सोमवार की सुबह से ही मौसम खराब हो गया। इसका असर यह रहा कि कोई भी सड़क पर नहीं दिखा। शहर में तो गलियां सूनी रहीं, जो लोग निकले भी वे इक्का-दुक्का खुली दुकानों से रोजमर्रा की आवश्यक सामग्री खरीदते दिखे। मतगणना स्थलों पर दूसरे दिन भी गहमागहमी दिखी। इसका असर ग्रामीण क्षेत्र के चौक चौराहों पर साफ नजर आया। जगह-जगह लोग इकट्ठा होकर चुनाव परिणाम की चर्चा में मशगूल रहे। उधर, दोपहर में जब दो दिन की बंदी बढ़ने की सूचना लोगों को मिली तो जरूरी सामानों की खरीदारी को लेकर लोग सजग हो गए।

महंगाई पर नियंत्रण नहीं : प्रशासन द्वारा खाद्य पदार्थों व सब्जी फल के दाम निर्धारित कर देने के बाद भी मुनाफाखोरी घटने नाम नहीं ले रही है। सब्जियों के दाम दोगुना आसमान छू रहे हैं। यहां तक कि आटा, चावल व दाल भी महंगा बिक रहा है। ज्यादा दाम वसूलने पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। दुकानदार लोगों को पैसा कम देने पर सामान देने से मना कर दे रहे हैं।

200 में एक लीटर सरसों तेल, रिफाइंड उससे भी महंगा : मुनाफाखोरों पर प्रशासन की लगाम ढीली पड़ गई है। पखवारे भर पूर्व 130 रुपये लीटर बिकने वाला सरसो तेल अब 200 रुपये लीटर बिक रहा है तो वहीं रिफाइंड के दाम इससे भी ऊपर पहुंच गए है। इसी तरह अन्य खाद्य पदार्थ भी बढ़े दामों पर बेचे जा रहे हैं।

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