फूटा कोरोना बम, पांच कैदी समेत 53 मिले पाजिटिव

सीएमओ डा. डीके त्रिपाठी ने बताया कि शहरी व ग्रामीणांचल में सक्रिय जांच टीमों द्वारा लगातार संदिग्धों का पता लगाया जा रहा है। शनिवार व रविवार को लैब व एंटीजन की करीब पांच हजार लोगों की रिपोर्ट जारी की गई थी जिसमें उक्त पाजिटिव लोगों की पहचान की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 11:55 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 11:55 PM (IST)
फूटा कोरोना बम, पांच कैदी समेत 53 मिले पाजिटिव
फूटा कोरोना बम, पांच कैदी समेत 53 मिले पाजिटिव

सुलतानपुर : कोरोना की स्थिति भयावहता होती जा रही है। एंटीजन व आरटी-पीसीआर जांच की रविवार को जारी रिपोर्ट में जिला कारागार के पांच कैदी समेत कुल 53 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी को वाराणसी-लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर एलटू अस्पताल व होम आइसोलन में भेज दिया गया है। फायर विभाग द्वारा जिला कारागार परिसर को सैनिटाइज कराया गया।

सीएमओ डा. डीके त्रिपाठी ने बताया कि शहरी व ग्रामीणांचल में सक्रिय जांच टीमों द्वारा लगातार संदिग्धों का पता लगाया जा रहा है। शनिवार व रविवार को लैब व एंटीजन की करीब पांच हजार लोगों की रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें उक्त पाजिटिव लोगों की पहचान की गई।

पेशी से लौटे कैदी मिले संक्रमित : शनिवार को दीवानी न्यायालय से पेशी से कारागार वापस लाए गए पांच लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। स्वास्थ्य टीम द्वारा इनका एंटीजन टेस्ट किया गया था। देर शाम रिपोर्ट आई तो पांच बंदियों में कोरोना का संक्रमण पाया गया। जेल कर्मियों द्वारा आनन-फानन में संक्रमित बंदियों को बैरक से निकालकर अमहट ट्रामा सेंटर ले जाया गया। जेलर अपूर्वव्रत पाठक ने बताया कि जिस बैरक के बंदी संक्रमित मिले हैं, उन्हें सैनिटाइज करा दिया गया है। पॉजिटिव बंदियों की कांटैक्ट ट्रेसिग करवाकर उनकी भी सैंपलिग कराई जा रही है।

चंद दिनों पहले ही बदली थी व्यवस्था : मार्च 2020 के बाद से बंदियों को अदालत ले जाने व जेल में मुलाकात करने आदि को बंद कर दिया गया था। जो बंदी कोर्ट से न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाते थे, उन्हें केएनआइ में क्वारंटीन कर दिया जाता था। यहां से रिपोर्ट नेगेटिव आने पर एल वन सेंटर भेज दिया जाता था और वेब रिमांड से हाजिरी कराई जाती थी। जनवरी से अदालतों के कामकाज में तेजी आई तो मुल्जिमों को पेशी पर तलब किया जाने लगा। तब अस्थायी जेल की जगह अमहट जेल परिसर के बाहर ही एक हाल कमरे को क्वारंटीन सेंटर बनाकर बाहर से आने वाले बंदियों रखा जाने लगा। बंदियों की संख्या अधिक व जगह कम होने से जेल से पेशी पर लाए गए बंदियों को सीधे जेल ले जाया जाने लगा।

chat bot
आपका साथी