प्रबंधन में हो मजदूरों की हिस्सेदारी
जासं सोनभद्र बेहतर औद्योगिक वातावरण व उत्पादन के लिए आवश्यक है कि सभी श्रमिकों विशेषकर संविदा श्रमिकों को प्रबंधन में हिस्सेदारी मिले और हर उद्योग में त्रिपक्षीय श्रमिक समस्या निवारण समिति का गठन किया जाए। यह मांग जिलाधिकारी की अध्यक्षता और अपर श्रमायुक्त मीरजापुर-सोनभद्र के संयोजकत्व में जिला कलेक्ट्रेट पर बुधवार की शाम हुई बैठक में जिले के श्रम बंधुओं ने उठाई।
जासं, सोनभद्र : बेहतर औद्योगिक वातावरण व उत्पादन के लिए आवश्यक है कि सभी श्रमिकों विशेषकर संविदा श्रमिकों को प्रबंधन में हिस्सेदारी मिले और हर उद्योग में त्रिपक्षीय श्रमिक समस्या निवारण समिति का गठन किया जाए। यह मांग जिलाधिकारी की अध्यक्षता और अपर श्रमायुक्त मीरजापुर-सोनभद्र की मौजूदगी में जिला कलेक्ट्रेट की बैठक में श्रम बंधुओं ने उठाई।
श्रम बंधुओं ने पिछले साल रेणुसागर में हुई घटना की न्यायिक जांच कराने के जिला प्रशासन के लिखित निर्णय को लाते हुए इसके अनुपालन का अनुरोध किया। कहा कि इसके बाद निर्दोष श्रमिकों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं और उन्हें काम पर बहाल किया जाए। अनपरा में काम कराकर श्रमिकों की मजदूरी न देने को संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन बताया और कहा कि यह बंधुआ मजदूरी है। जिसे समाप्त कर अविलम्ब बकाया मजदूरी का भुगतान किया जाए। अनपरा व ओबरा के न्यूनतम वेतन न देने वाले संविदाकारों की सूची सौंपते हुए न्यूनतम मजदूरी भुगतान का आग्रह किया गया। बैठक में ठेका मजदूरों को हाजरी कार्ड, रोजगार कार्ड, वेतन पर्ची, सुरक्षा उपकरण, बोनस, गेच्युटी जैसे अधिकार न देने और ईपीएफ में किए जा रहे घोटाले व ईएसआई का लाभ मजदूरों को न मिलने की शिकायत भी की गई। डीएम ने अपर श्रमायुक्त को जांच कर कड़ी कार्यवाही करने के लिए कहा गया। खनन व क्रशर में काम करने वाले श्रमिकों को निर्माण श्रमिक कल्याणकारी बोर्ड में पंजीकृत कर उसे इसके हितलाभ देने की मांग श्रम बंधुओं ने की। डीएम ने कहा कि जो क्रशर मालिक व खननकर्ता इसे लागू नहीं करेंगे उनके ऊपर कार्यवाही की जायेगी। इस मौके पर दिनकर कपूर, ठेका मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष तेजधारी गुप्ता समेत तमाम श्रमिक नेता व प्रबंधन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।