तपिश बढ़ते ही हैंडपंप छोड़ने लगे साथ, पेयजल संकट
गर्मी की शुरूआत होते ही गांवों में पेयजल की समस्या गहराने लगी है। कई जगहों पर हैंडपंपों ने पानी देना छोड़ दिया है। कारण कि जल स्तर नीचे चला गया है।
जागरण संवाददाता, पटवध (सोनभद्र) : गर्मी की शुरूआत होते ही गांवों में पेयजल की समस्या गहराने लगी है। कई जगहों पर हैंडपंपों ने पानी देना छोड़ दिया है। कारण कि जल स्तर नीचे चला गया है।
चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत करगरा, मीतापुर के टोला लोहार बस्ती व मल्हिया बस्ती में पेयजल के संकट गहराने लगा है। गांव में लगभग आठ से 10 हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन गर्मियों के कारण वाटर लेवल कम होने से पानी देना बंद कर दिए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि इसकी शिकायत कई बार संबंधितों के तरफ से की गई, लेकिन उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। ग्राम पंचायत करगरा में टैंकर होने के बावजूद भी पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। कुछ समाजसेवी द्वारा टैंकर के माध्यम से गांव को पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। इसके बावजूद बहुत से लोगों को जहां पानी उपलब्ध नहीं होता उन्हें चुआड़ का पानी मजबूरी में पीना पड़ रहा है। इस संबंध में डीपीआरओ विशाल सिंह ने बताया की इसकी शिकायत मिल है समस्या का समाधान कराया जाएगा। इनसेट--
समाजसेवी ने कराया हैंडपंपों का अनुरक्षण
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र): म्योरपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत बांसी में अधिकांश हैंडपंपों के खराब हो जाने के कारण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। इसको देखते हुए समाजसेवी अरविद केशरी ने हैंडपंपों का अनुरक्षण कराया। ग्राम पंचायतों में इस समय चुनावी सरगर्मी चरम पर है। अधिकारियों के भी चुनाव तैयारियों में जुटे होने के कारण पेयजल समस्या के निराकरण की दिशा में किसी स्तर पर पहल नहीं की जा रही है। ऐसे में अधिकांश हैंडपंपों के खराब हो जाने के कारण ग्रामीणों को काफी दूर से पानी लाना पड़ रहा था। ऐसे में समाजसेवी की पहल से ग्रामीणों को काफी राहत मिली है। शशि सिंह, लक्ष्मी जायसवाल, विकास जायसवाल, लालता यादव, पुरुषोत्तम पनिका, लालसा राम वैश्य आदि इस कार्य में तन्मयता पूर्वक जुटे रहे। गर्मी बढ़ने से रिहायशी इलाके में पहुंच रहे जंगली जानवर
जागरण संवाददाता, गोविदपुर (सोनभद्र) : म्योरपुर वन रेंज क्षेत्र के सटे ग्रामीण अंचलों में गर्मी बढ़ते ही पानी की तलाश में जंगली जानवर पहुंचने लगे हैं। इसके चलते लोगों में भी डर देखा जा रहा है। वहीं वन्यजीवों का शिकार भी किया जा रहा है।
पड़री, परनी, डडीहरा, खैराही क्षेत्र में पानी की तलाश में आने से जंगली जीवों पर आवारा कुत्तों का झुंड टूट पड़ता है, उन्हें दौड़ा कर अपना शिकार बना लेता है। जब तक ग्रामीण बचाव करने की सोचते है जंगली जीवों की मौत हो चुकी होती है या बुरी तरह घायल हो जाते हैं। ग्रामीणों ने पानी के आभव में हो रहे जंगली जीवों की असमय मौत को लेकर चिता जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग इनके संरक्षण के लिए जंगलों में बंधी एवं तालाब बनवाए, जिससे पानी रुके और असमय मौत के मुंह में जा रहे वन्यजीव भी सुरक्षित रहे। म्योरपुर रेंजर शहजादा स्माईलुद्दीन ने बताया कि वन्य जीवों के संरक्षण के लिए विभाग चितित है। समय से पहले गर्मी बढ़ने से जंगलों में पानी की समस्या आ रही है। ग्रामीणों से अपील किया कि अगर कोई भी जंगली जीव जख्मी हालत में मिले तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।