नारद मोह मंच के साथ रामलीला की हुई शुरूआत

जागरण संवाददाता घोरावल (सोनभद्र) स्थानीय ब्लाक के कोहरथा गांव में सोमवार की रात बजरंग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 08:30 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 08:30 PM (IST)
नारद मोह मंच के साथ रामलीला की हुई शुरूआत
नारद मोह मंच के साथ रामलीला की हुई शुरूआत

जागरण संवाददाता, घोरावल (सोनभद्र) : स्थानीय ब्लाक के कोहरथा गांव में सोमवार की रात बजरंग रामलीला समिति के तत्वावधान में पांच दिवसीय रामलीला का शुभारंभ हुआ। शुभारंभ मुकुट पूजा व नारद मोह मंचन के साथ हुआ।

रामलीला कमेटी के प्रबंधक विश्व हिदू परिषद के क्षेत्रीय सत्संग प्रमुख नरसिंह त्रिपाठी व सदस्यों ने सर्वप्रथम मुकुट की पूजा की। इसके बाद लीला आरंभ हुई। रामलीला की शुरूआत नारद मोह मंचन के साथ हुआ। नारद मुनि के अहंकार का नाश करने के लिए भगवान श्रीहरि विष्णु ने अपनी योगमाया से एक सुंदर नगर का निर्माण किया। नगर में नारद मुनि पहुंचते हैं तो वहां के राजा उनका स्वागत करते हैं। राजकुमारी की हस्तरेखा देखकर नारद बेहद प्रभावित होते हैं और उस राजकन्या के प्रति सम्मोहित हो जाते हैं। नारद जी राजकुमारी के स्वयंवर के लिए भगवान विष्णु से उनका स्वरूप मांगते हैं। नारद मुनि के अहंकार का नाश करने के लिए विष्णु उन्हें बंदर का रूप प्रदान करते हैं। इससे स्वयंवर में राजकुमारी नारद मुनि की तरफ तनिक भी ध्यान नहीं देती। इसी दौरान विष्णु प्रकट होते हैं, जिनके गले में राजकन्या वरमाला पहनाती है। इससे क्रोधित नारद मुनि भगवान विष्णु को श्राप देते हुए कहते हैं कि उन्हें मनुष्य योनि में जन्म लेकर पत्नी वियोग की विपत्ति से बहुत दु:खी होंगे और यही बंदर का स्वरूप उनकी सहायता करेगा। उधर पुत्रेष्ठि यज्ञ द्वारा अयोध्या के राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या को राम, कैकेयी को भरत और सुमित्रा को लक्ष्मण व शत्रुघ्न की पुत्र रूप में प्राप्ति होती है। अयोध्या के राजमहलों में सोहर का मधुर गीत संगीत गूंजने लगता है। कमेटी के व्यास नरसिंह त्रिपाठी, अध्यक्ष रामखेलावन सिंह, उपाध्यक्ष दिवाकर पाठक, कोषाध्यक्ष राम औतार सिंह, महंत राम प्यारे लाल, सुरक्षा प्रमुख क्षेत्र पंचायत सदस्य महेंद्र प्रसाद, श्रीपति त्रिपाठी समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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