समय से भुगतान न करने पर जिला लेखा प्रबंधक का रोका वेतन

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने सख्त तेवर दिखाए। निदेश दिया कि मरीजों को हर संभव दवाएं मुहैया कराई जाए और बाहर से दवाएं न लिखी जाए। जननी सुरक्षा योजना व आशाओं के लंबित भुगतान में देरी के लिए संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:02 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:02 PM (IST)
समय से भुगतान न करने पर जिला लेखा प्रबंधक का रोका वेतन
समय से भुगतान न करने पर जिला लेखा प्रबंधक का रोका वेतन

जागरण संवाददाता, सोनभद्र :जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने सख्त तेवर दिखाए। निदेश दिया कि मरीजों को हर संभव दवाएं मुहैया कराई जाए और बाहर से दवाएं न लिखी जाए। जननी सुरक्षा योजना व आशाओं के लंबित भुगतान में देरी के लिए संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। लंबित भुगतान में दिलचस्पी न लेने वाले जिला लेखा प्रबंधक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तरों के ब्लाक लेखा प्रबंधकों का वेतन रोकने को कहा। जब तक लंबित भुगतान न पूरा हो, इनके वेतन आहरण पर रोक जारी रहेगा।

जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नेम सिंह के साथ ही सभी सीएचसी, पीएचसी के प्रभारियों को निर्देश देते हुए कहा कि लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। समीक्षा के दौरान पाया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी में तैनात डा. संजीव कुमार को एनआरसी संबंधी ट्रेनिग न लेने व उनके द्वारा ड्यूटी से इन्कार किया गया, जिस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी संजीव कुमार को तलब किया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान पखवारा जो 10 से 24 मार्च तक जिले में चलेगा, उसकी बेहतर कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। उन्होंने कहा कि जिन सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पैसा होने के बावजूद देनदारियां लंबित हैं, उनके निस्तारण के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी तत्काल कड़े कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि एक ही डाक्टर को कई सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का प्रभार न दिया जाए। कोशिश की जाए कि जो डाक्टर मौजूद हैं, उन्हें स्थानीय स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का प्रभार दिया जाए। कहा कि लंबे समय से सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात लापरवाह कार्मिकों का स्थानांतरण जरूरत के मुताबिक मुख्य चिकित्साधिकारी करें। जो काम अच्छे से कर रहे हैं उन कार्मिकों का स्थानांतरण न किया जाए। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नेम सिंह ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कहा कि परिवार नियोजन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि एक सप्ताह के अंदर हर हाल में लंबित देनदारियों का शत-प्रतिशत भुगतान किया जाए। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी डा. अमित पाल शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नेम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. के कुमार व अन्य चिकित्साधिकारीगण आदि रहे।

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