पुरानी पेंशन बहाली के लिए बुलंद की आवाज

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले शिक्षकों ने मंगलवार को पुरानी पेंशन बहाली समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी शिक्षकों ने एक दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर धरना में शामिल हुए। चेतावनी दिया ििक अगर शीघ्र ही समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो शिक्षक आगे भी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। जिलाध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि प्रदे

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 05:58 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 09:33 PM (IST)
पुरानी पेंशन बहाली के लिए बुलंद की आवाज
पुरानी पेंशन बहाली के लिए बुलंद की आवाज

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले शिक्षकों ने मंगलवार को पुरानी पेंशन बहाली समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी शिक्षकों ने एक दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर धरना में शामिल हुए। चेतावनी दिया कि अगर शीघ्र ही समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो शिक्षक आगे भी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

जिलाध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि प्रदेश भर के शिक्षक पुरानी पेंशन बहाली, निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा, संविलयन पर रोक, शिक्षकों की पदोन्नति, प्रेरणा एप पद्धति को वापस लेने आदि मांगों को लेकर लगातार आंदोलनरत है। इसके लिए पांच सितंबर को प्रत्येक जनपद मुख्यालय पर शिक्षक महासंघ के शिक्षकों द्वारा शिक्षक दिवस को, शिक्षक सम्मान बचाओ मनाया। इसके बाद 11 से 13 सितंबर तक जनपद के मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन आदि कार्यक्रम किया गया। लेकिन उसके बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया गया। कहा कि संगठन के शीर्ष नेतृत्व व शासन-प्रशासन के उच्च स्तरीय वार्ता में सहमति के बाद भी अभी तक समस्याओं के निराकरण के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई। चेतावनी दिया कि अगर सरकार अब भी हमारी मांगे नहीं मानती है तो शिक्षक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

शिक्षक महासंघ के जिला मंत्री दयाशंकर मौर्य ने कहा कि सरकार का नैतिक दायित्व है कि वह हमारे संवैधानिक अधिकार को देने तथा हमारे हितों का ध्यान रखें। धरना में प्राथमिक शिक्षक संघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन, यूटा, अटेवा, अनुदेशक संघ आदि संगठनों के पदाधिकारियों ने धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में प्रतिभा कर विभिन्न मांगों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की। इसमें अशोक त्रिपाठी, शिवम अग्रवाल, रंजना सिंह, राजकुमार मौर्य, इन्दु प्रकाश सिंह, दिवाकर सिंह, सुनील कुमार राव, राकेश सिंह, संदीप तिवारी, रामगोपाल यादव आदि रहे।

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