जिलाधिकारी के सामने ग्रामीणों ने रखी अपनी समस्याएं

जागरण संवाददाता घोरावल (सोनभद्र) शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस पर कई फरियादियों ने अपनी फरियाद जिलाधिकारी के समक्ष रखी। क्षेत्र के पिड़रिया गांव निवासी नागेंद्र प्रसाद मौर्य ने जिलाधिकारी से शिकायत कर समस्या बताई कि गांव में प्राथमिक विद्यालय है। जिसे वर्तमान में इंग्लिश मीडियम का दर्जा प्राप्त है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:05 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:05 PM (IST)
जिलाधिकारी के सामने ग्रामीणों ने रखी अपनी समस्याएं
जिलाधिकारी के सामने ग्रामीणों ने रखी अपनी समस्याएं

जागरण संवाददाता, घोरावल (सोनभद्र) : शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस पर कई फरियादियों ने अपनी फरियाद जिलाधिकारी के समक्ष रखी। क्षेत्र के पिड़रिया गांव निवासी नागेंद्र प्रसाद मौर्य ने जिलाधिकारी से शिकायत कर समस्या बताई कि गांव में प्राथमिक विद्यालय है। जिसे वर्तमान में इंग्लिश मीडियम का दर्जा प्राप्त है। उसमें लगभग 160 विद्यार्थी पढ़ते हैं और 8 अध्यापक तैनात हैं। शिकायतकर्ता के मुताबिक छात्रों को सही ढंग से पढ़ाने का कार्य अध्यापकों द्वारा नहीं किया जा रहा है। जिसके संबंध में वह बीएसए तथा खंड शिक्षा अधिकारी घोरावल को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं दिखाई गई। शिकायतकर्ता नागेंद्र का कहना है कि बीते चार अक्टूबर को भी उसने समाधान दिवस पर शिकायत की थी लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई है।

इसी तरह ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरौली के ग्रामीणों ने समाधान दिवस पर शिकायत कर ग्राम पंचायत में मनमाने तरीके से पुलिया, रोड, आरसीसी, छलका बनवाए जाने का आरोप लगाया है। बरौली गांव निवासी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि गांव में ऐसे भी काम हो रहे है, जिनका आम जनमानस को कोई लाभ नहीं मिलेगा और न कोई सुविधा मिलेगी। बावजूद इसके धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। गांव के राजेश कुमार ने गांव के किसी लाभार्थी पर आवास निर्माण में धन का सदुपयोग न करने की शिकायत की है। उसी गांव के राम बहारन ने गांव में कई शौचालय का निर्माण पूरा न होने की शिकायत की है। बताया कि कहीं पर गड्ढा नहीं बना है तो कहीं किसी का छत और दरवाजे तक नहीं लगा है। तीन दर्जन की संख्या मे ऐसे शौचालय हैं जिसके निर्माण धरातल पर है ही नहीं, और सारा रुपये बिना काम कराए ही खर्च कर दिया गया है। मामले की जांच कराने की गुहार लगाई है।

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