विद्युतीकरण की आस लगाए ग्रामीणों को झटका
दुद्धी ब्लाक के महुली के वार्ड नंबर एक के रहवासियों को विद्युतीकरण के नाम पर तगड़ा झटका लगा है। पांच वर्ष पूर्व विद्युतीकरण के लिए लगाए गए खंभों में चार खंभे सात दिन पूर्व संविदा कर्मी उखाड़ ले गए। ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध रूप से कमाई करने के लिए अफसरों के बिना निर्देश के खंभों को अन्यंत्र भेजा गया है।
जागरण संवाददाता, महुली (सोनभद्र) : दुद्धी ब्लाक के महुली गांव के वार्ड नंबर एक के रहवासियों को विद्युतीकरण के नाम पर तगड़ा झटका लगा है। पांच वर्ष पूर्व विद्युतीकरण के लिए लगाए गए खंभों में से चार खंभे सात दिन पूर्व संविदा कर्मी उखाड़ ले गए। ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध रूप से कमाई करने के लिए अफसरों के बिना निर्देश के ही खंभों को अन्यत्र ले जाया गया है।
महुली के वार्ड एक में विद्युतीकरण के लिए पीसीएल ने पांच वर्ष पूर्व खंभे लगवाए थे। खंभा लगने के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। उन्हें उम्मीद थी कि कुछ ही दिनों में तार व ट्रांसफार्मर लगाकर उनके घरों तक बिजली दौड़ा दी जाएगी। रात में उनका घर एलईडी की रोशनी से नहा उठेगा लेकिन ग्रामीणों की इसी आस में पांच वर्ष निकल गए लेकिन तार व ट्रांसफार्मर नहीं लगे। ग्रामीणों की उम्मीदों पर सात दिन पूर्व तब पानी फिर गया जब गांव में पहुंचे कुछ संविदा लाइनमैन लगाए गए बिजली के खंभों में से चार खंभे उखाड़ कर कहीं अन्यत्र ले गए। ग्रामीणों ने खंभा उखाड़ने का विरोध भी किया लेकिन संविदा कर्मी यह कहते रहे कि उच्चाधिकारियों का आदेश है। जहां एक ओर ग्रामीण बिजली आपूर्ति की आस लगाए बैठे हैं, वहीं दूसरी तरफ खंभों को उखाड़े जाने से नाराजगी बढ़ गई है। सरकार हर घर को बिजली देने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, वहीं अधिकारियों की लापरवाही के चलते संविदा कर्मी भी अवैध कार्य करने से पीछे नहीं हैं।
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जांच के बाद होगा खुलासा
विद्युत वितरण खंड पिपरी के अधिशासी अभियंता लक्ष्मी शंकर ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। पांच साल पूर्व किस योजना से खंभा लगा है इसकी जानकारी करनी होगी। क्षेत्रीय अधिकारियों से जांच कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।