कोयला आधारित बिजली उत्पादन में यूपी होगा अव्वल
जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) देश में कुल उत्पादित बिजली में कोयला आधारित बिजली का हिस्सा 70 फीसद के करीब है। आने वाले दिनों में भी सरकार ने कोयला आधारित बिजली के उत्पादन पर ही ज्यादा निर्भरता दिखाई है। उत्तर प्रदेश का सरकारी सेक्टर कोयला आधारित बिजली के मामले में अगले कुछ वर्षों में देश में सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने वाला प्रदेश बन जाएगा।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : देश में कुल उत्पादित बिजली में कोयला आधारित बिजली का हिस्सा 70 फीसद के करीब है। आने वाले दिनों में भी सरकार ने कोयला आधारित बिजली के उत्पादन पर ही ज्यादा निर्भरता दिखाई है। उत्तर प्रदेश का सरकारी सेक्टर कोयला आधारित बिजली के मामले में अगले कुछ वर्षों में देश में सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने वाला प्रदेश बन जाएगा। वर्तमान में उत्तर प्रदेश का सरकारी सेक्टर देश में तीसरे स्थान पर है। नेशनल पावर पोर्टल के अनुसार यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम में कोयला आधारित इकाइयों की क्षमता 5469 मेगावाट है। इस मामले में पहले स्थान पर महाराष्ट्र है जहां स्टेट सेक्टर की क्षमता 9540 मेगावाट है।
इसके अलावा दूसरे स्थान पर राजस्थान (7170 मेगावाट) और चौथे नंबर पर गुजरात (5410 मेगावाट) है। प्रदेश में चल रही योजनाएं भविष्य में यूपी को अव्वल बना सकती है। कई पुरानी परियोजनाओं के चल रहे विस्तारीकरण एवं नये विद्युत घरों के निर्माण से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की क्षमता में 6225 मेगावाट की वृद्धि होनी है। विस्तारीकरण के तहत ओबरा सी में 1320 मेगावाट, हरदुआगंज में 660 मेगावाट एवं पनकी में 660 मेगावाट क्षमता की नई इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। हरदुआगंज की नई इकाई को तो लाइटप भी किया जा चुका है। साथ ही जवाहरपुर में 1320 मेगावाट क्षमता के नये विद्युत घर का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा संयुक्त उपक्रम के तहत मेजा में एनटीपीसी के साथ बने 1320 मेगावाट के नए विद्युतघर की 660-660 मेगावाट की दोनों इकाइयों से उत्पादन शुरू हो चुका है। इस परियोजना से समझौते के तहत 75 फीसद (990 मेगावाट) बिजली यूपी को मिल रही है। इसके अलावा घाटमपुर में एनएलसी इंडिया लिमिटेड के साथ 1980 मेगावाट के नये विद्युत घर का निर्माण चल रहा है। यहां 660 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण हो रहा है। समझौते के तहत 64.39 फीसद (1275 मेगावाट) बिजली यूपी को मिलेगी। जिससे यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम कोयला आधारित बिजली के उत्पादन में पहले स्थान पर आ जाएगा।