अपने रुपये के लिए बैंकों का लगा रहे चक्कर किसान

जागरण संवाददाता सोनभद्र साधन सहकारी समितियों पर धान बेचने वाले किसान अपनी उपज का पैसा लेन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Jan 2021 07:09 PM (IST) Updated:Fri, 01 Jan 2021 10:51 PM (IST)
अपने रुपये के लिए बैंकों का लगा रहे चक्कर किसान
अपने रुपये के लिए बैंकों का लगा रहे चक्कर किसान

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : साधन सहकारी समितियों पर धान बेचने वाले किसान अपनी उपज का पैसा लेने के लिए उधर-इधर भटक रहे हैं। महीनों से क्रय केंद्रों पर धान बेचने के बाद भी उनका भुगतान नहीं हो रहा है। जिले के करीब चार हजार ऐसे किसान हैं जिनका 42 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया है। पैसा चेक करने के लिए बैंकों में पहुंच रहे किसान परेशान हैं। इसके बाद भी किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। 72 घंटे में भुगतान करने का दावा यहां खोखला साबित हो रहा है। हालांकि की पीसीएफ की तरफ से किसानों के भुगतान के लिए 10 करोड़ रुपये की डिमांड शासन को भेज दी गई है। एक दो दिनों में किसानों के खाते में पैसा पहुंचने की संभावना है।

जिले में 75 केंद्रों के माध्यम से एक लाख 15 हजार टन खरीद का लक्ष्य शासन की तरफ से दिया गया है। इसमें अकेले ही पीसीएफ के 40 केंद्रों पर 33 हजार 500 टन खरीद करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभाग की तरफ से खरीद तो की जा रही है, लेकिन किसानों का भुगतान नहीं हो रहा है। 19 नवंबर को पीसीएफ प्रबंधक को धान खरीद में अनियमितता के बाद निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद से बेचे गए किसानों के धान का भुगतान नहीं हो पा रहा है। साधन सहकारी समिति पर अब तक 5697 किसानों से 29 हजार 710.65 टन खरीद हुई है। 52 करोड़ रुपये की खरीद में अब तक मात्र किसानों का लगभग मात्र 10 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया है। जबकि करीब चार हजार किसानों का 42 करोड़ 41 लाख रुपये का भुगतान अब तक नहीं हो सका है। किसान अपने बेची गई उपज के पैसे का पता लगाने के लिए प्रतिदिन बैंकों का चक्कर काट रहें है, लेकिन उनको निराशा ही हाथ लग रही है। इससे किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। खरीद केंद्रों पर भेजी तीन टीम

साधन सहकारी समितियों के खरीद केंद्रों पर क्या समस्या है। खरीद क्यों नहीं हो पा रही है, कहां-कहां बोरा का अभाव है, उठान नहीं हो रही है इसका पता लगाई गई। इसके बाद टीम की तरफ से रिपोर्ट देने के बाद धान खरीद की पीसीएफ की तरफ से समीक्षा की जाएगी। बोले किसान ..

महुली लैंपस पर करीब 15 दिनों पहले धान बेचा था, उसका पैसा अभी तक नहीं आया है। इससे खेती-बारी के साथ ही कई समस्याएं झेलनी पड़ रही है।

- वीरेंद्र कुमार कनौजिया।

--------- धान बेचने के बाद सचिव ने कहा था कि दो तीन दिनों के अंदर पैसा आ जाएगा। पैसा पता लगाने के लिए कई बार बैंकों का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक नहीं आया है।

- वसुदेव गुप्ता।

------------- अपने बच्चे को पढ़ने के लिए बाहर भेजना है, लेकिन अभी तक खाते में पैसा न आने से उसकी पढ़ाई बाधित हो रही है।

- विनय कुमार कनौजिया।

------------- किसानों को धान बेचने के बाद तुरंत पैसा भेजने की बात कही जाती है, लेकिन यह दावा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है।

- विश्वनाथ गुप्त। बोले अधिकारी ..

किसानों की धान के भुगतान के लिए 10 करोड़ की डिमांड भेज दी गई है। उसका रीसिविग पत्र भी आ गया है। एक दो दिनों में किसानों का भुगतान शुरू हो जाएगा।

- अंकुर कंचन, पीसीएफ प्रबंधक।

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