साहब के खास एडीओ पंचायत को दो ब्लाक

सोनभद्र/दुद्धी जनपद के ग्राम पंचायतों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले से ही विकास की मंद पड़ी रफ्तार को पलीता लगाने में विभागीय अधिकारी भी पीछे नहीं है। आलम यह है कि एक-एक ब्लाक की जिम्मेदारी एडीओ पंचायत ठीक ढंग से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं और वहीं दूसरी ओर जिले के चार बड़े ब्लाकों की जिम्मेदारी दो एडीओ पंचायतों के जिम्मे है। इस कारण दोनों ब्लाकों में उनकी नियमित उपस्थिति पर्याप्त न होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण भी इसको लेकर अब मुखर होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 04:47 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 04:47 PM (IST)
साहब के खास एडीओ पंचायत को दो ब्लाक
साहब के खास एडीओ पंचायत को दो ब्लाक

जागरण संवाददाता, सोनभद्र/दुद्धी: जनपद के ग्राम पंचायतों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले से ही विकास की मंद पड़ी रफ्तार को पलीता लगाने में विभागीय अधिकारी भी पीछे नहीं है। आलम यह है कि एक-एक ब्लाक की जिम्मेदारी एडीओ पंचायत ठीक ढंग से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं और वहीं दूसरी ओर जिले के चार बड़े ब्लाकों की जिम्मेदारी दो एडीओ पंचायतों के जिम्मे है। इस कारण दोनों ब्लाकों में उनकी नियमित उपस्थिति पर्याप्त न होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण भी इसको लेकर अब मुखर होने लगे हैं।

ग्राम पंचायतों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की अहम जिम्मेदारी निभाने वाले एक अधिकारी के कंधे पर दो ब्लाक की जिम्मेदारी आ जाए तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अपने कार्य को कितने अच्छे ढंग से कर पाएंगे। कुछ इसी तरह का हाल इन दिनों विकास खंड दुद्धी-चोपन व बभनी-म्योरपुर का हो रहा है। सबसे खराब स्थिति तो दुद्धी व चोपन ब्लाक की है। पहले से ही अधिकांश समय अपने कार्य क्षेत्र से गायब रहने वाले एडीओ पंचायत को जब से दो ब्लाक का चार्ज मिला है तब से उनके दर्शन दुर्लभ हो गए हैं।

कमोबेश यही हाल इस समय बभनी व म्योरपुर का चार्ज लेकर बैठे एडीओ पंचायत का है। सहायक विकास खंड अधिकारी का पंचायत प्रणाली में भूमिका अहम होती है। उन्हीं के दिशा निर्देशन में गांवों में विकास कार्य चलता है। चालू वित्तीय वर्ष में दस माह का समय व्यतीत होने के बावजूद विकास दर का आंकड़ा अन्य वर्षों की तुलना में काफी पीछे है। यह बात डीसीएफ चेयरमैन सुरेंद्र अग्रहरि ने बताई।

उन्होंने कहा कि शासन द्वारा इस बार डोंगल पद्धति से भुगतान व्यवस्था को व्यावहारिक प्रक्रिया में लाने में काफी समय लगा दिया। सबकुछ सामान्य होने के बाद अब एडीओ पंचायत की स्थाई नियुक्ति न होना बाधक बना हुआ है। वर्तमान समय मे चोपन विकास खंड में तैनात एडीओ पंचायत रविदत्त मिश्र को दुद्धी ब्लाक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इससे दोनों बड़े एवं महत्वपूर्ण ब्लाकों का कार्य समय से पूरा नहीं हो पा रहा है। समय न होने के कारण अक्सर अनुपस्थित रहने वाले एडीओ पंचायत का प्रधान व सचिवों से तालमेल न होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। नियुक्ति को लेकर रहती है मारामारी

एक ब्लाक के अलावा दूसरे ब्लाक का प्रभार लेने के लिए जिला पूर्व से ही बदनाम रहा है। सूत्रों ने अनुसार मनपसंद काम करने वाले एडीओ पंचायत की नियुक्ति की जाती है, ताकि उसका अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सके। दुद्धी-चोपन का प्रभार देख रहे एडीओ पंचायत इसके पूर्व दुद्धी व म्योरपुर का चार्ज लिए हुए थे। कुल मिलाकर इस विषय पर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए समस्या का स्थाई समाधान की मांग की है। कमी के कारण ऐसा है

जिले में एडीओ पंचायत की कमी है, जिसके कारण ऐसा किया गया है। जैसे ही हमारे पास पर्याप्त संख्या में सहायक विकास खंड अधिकारी आते हैं उन्हें ब्लाकों की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।

- आरके भारती, जिला पंचायत राज अधिकारी।

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