प्रदेश में बिजली संकट के लिए शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार

चित्र .12. -कार्य बहिष्कार - संवाद से समाधान के मूल मंत्र पर कायम हैं बिजली अभियंता - अभियंताओं ने प्रबंधन पर फोड़ा वर्तमान समस्या का ठीकरा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 05:56 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 05:56 PM (IST)
प्रदेश में बिजली संकट के लिए शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार
प्रदेश में बिजली संकट के लिए शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : ऊर्जा निगमों में बिजली अभियंताओं की लंबित समस्याओं के समाधान नहीं होने व पावर कारपोरेशन प्रबंधन की संवादहीनता से क्षुब्ध अभियंता संघ ने प्रस्तावित आंदोलन के तहत कार्य बहिष्कार किया। सोमवार को अनपरा तापीय परियोजना मुख्य द्वार के समक्ष शाम को दो घंटे का कार्य बहिष्कार के साथ विरोध में सभा भी आयोजित की। अनपरा अभियंता संघ के क्षेत्रीय सचिव रोहित राय ने कहा कि आगामी दो दिनों तक भी दो घंटे का कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। प्रदेश में उत्पन्न बिजली संकट के लिए ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। प्रबंधन की अदूरदर्शिता के कारण समय रहते कोयला पर उचित निर्णय नही लिया गया, जिससे प्रदेश की जनता को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। पावर कारपोरेशन को 20 रुपये तक की प्रति यूनिट मंहगी बिजली खरीदनी पड़ी है, जिससे कारपोरेशन की वित्तीय स्थिति और खराब हो गयी है। जो घाटा बढ़ाने में सहायक होगा। प्रबंधन द्वारा अनावश्यक कार्यों में समय व्यतीत किए जाने से तकनीकी कार्य काफी प्रभावित हुए हैं। प्रदेश को बिजली संकट झेलना पड़ रहा है। सरकार की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। जेके मिश्रा ने कहा कि बिजली अभियंताओं द्वारा कारपोरेशन के हित में दिए गए सुझावों पर अमल नही किए जाने से प्रदेश की जनता के समक्ष बिजली संकट के आसार बन रहे हैं। प्रदेश को बिजली संकट से उबरने में एक माह से अधिक समय तक का समय लग सकता है। निगम में औद्योगिक अशांति दूर किया जाय। अभियंता संघ समस्याओं के समाधान नही होने तक अनपरा आंदोलन जारी रखेगा। अध्यक्षता एलबी यादव एवं संचालन अभिषेक बरनवाल ने किया।

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