धरा ने ओढ़ी कोहरे की चादर, मेघों से घिर गए भास्कर
जागरण संवाददाता सोनभद्र जिले में शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदला रहा। पूरे दिन बादल छाये
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले में शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदला रहा। पूरे दिन बादल छाये रहे। दिनभर सूर्य देव के दर्शन नहीं हो सके। कई क्षेत्रों में कोहरे की चादर सुबह से ही तनी रही। तापमान में गिरावट होने के चलते लोगों ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। गर्म कपड़ों की खरीदारी बढ़ने से बाजारों में रौनक रही।
सर्दी ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार बादलों की घेराबंदी और कोहरे की चादर तनी रही। सूर्यदेव के दर्शन न होने से जनजीवन पर इसका असर दिखा। सर्दी बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों और अलाव की अहमियत बढ़ गई है। जिले में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 25.2 व न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस रहा।
डाला : क्षेत्र में कोहरे ने अपना रंगत दिखाना शुरू कर दिया है। इसका नजारा शुक्रवार को स्थानीय क्षेत्र से गुजरने वाली सड़कों पर देखने को मिला। कोहरे के प्रभाव के कारण वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग, डाला-ओबरा मार्ग, तेलगुड़वा-कोटा मार्ग, बग्घानाला-ओबरा मार्ग पर चलने वाली ट्रक, बस व बाइकों की रफ्तार पर कोहरे ने ब्रेक लगा दी। सड़कों पर गुजने वाले वाहन बत्ती जलाकर रेंगते नजर आ रहे थे। पिछले तीन दिन के अंदर में जैसे-जैसे गलन बढ़ती जा रही है। वैसे ही क्षेत्र घनघोर कोहरे की चादर से ढकता जा रहा है। इसके चलते दिन भर मौसम ठंडा बना रहा। आसमान में घनघोर कोहरा छाने से सुबह होने का पता ही लोगों को नहीं लग पा रहा। शुक्रवार को मौसम में अचानक परिवर्तन होने से सुबह, दोपहर व शाम का नजारा अलग-अलग रहा। बुजुर्ग व छोटे बच्चे इस मौसम में रहें सावधान
जासं, सुकृत : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मधुपुर के चिकित्सा अधिकारी डाक्टर संजय सिंह ने ठंड के बढ़ते इस मौसम में बुजुर्ग व छोटे बच्चों को सावधान रहने की नसीहत दी। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक होकर सुबह भोर में न टहलें। क्योंकि ठंड लगने के कारण उनको जीवन स्वास्थ्य के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं। अधिक उम्र के लोगों को ठंड के मौसम में गर्म पानी पीना चाहिए और घर पर रहकर नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच हफ्ते में एक दिन योग्य चिकित्सक से करा कर उपचार करना चाहिए। क्योंकि ठंड से अचानक खून जाम हो सकता है। ताजी सब्जियों का सेवन करें तथा छोटे बच्चों को भी गर्म कपड़े पहन कर ही बाहर भेजें। स्वास्थ्य के लिए सतर्क रहना व जागरूक रहना सबसे बेहतर उपचार है।