कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक, मदद को नहीं बढ़े हाथ
कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। इसके बावजूद इस बार मदद को लेकर ज्यादा लोग आगे आते दिखाई नहीं पड़ रहे। वहीं पंचायत चुनाव में जमकर लापरवाही भी बरती जा रही है जबकि पहली लहर में अलग-अलग सामाजिक संगठनों के साथ सरकारी विभागों ने एकजुटता दिखाते हुए लोगों को हिम्मत देने का कार्य किया था और लोगों का हौसला भी कई गुना बढ़ा था।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। इसके बावजूद इस बार मदद को लेकर ज्यादा लोग आगे आते दिखाई नहीं पड़ रहे। वहीं पंचायत चुनाव में जमकर लापरवाही भी बरती जा रही है, जबकि पहली लहर में अलग-अलग सामाजिक संगठनों के साथ सरकारी विभागों ने एकजुटता दिखाते हुए लोगों को हिम्मत देने का कार्य किया था और लोगों का हौसला भी कई गुना बढ़ा था।
परेशान हैं जरूरतमंद
इस वर्ष जिले में 23 मार्च से संक्रमित मरीजों का इकाई में मिलना शुरू हुआ। पांच से 31 मार्च तक इकाई में ही संक्रमितों की संख्या रही। एक अप्रैल को संक्रमितों की संख्या दहाई मे पहुंच गई और एक अप्रैल को 24 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। उस दिन कुल संक्रमितों की संख्या 5362 थी। जिला प्रशासन व आम नागरिकों की नींद छह अप्रैल से उड़ गई। छह को 39, सात को 38, आठ को 66, नौ को 77, 10 को 93 तक संक्रमितों की संख्या पहुंच गई। दहाई में मिल रहे पीजिटिव केस 11 अप्रैल को सैकड़े में पहुंच गया। 11 अप्रैल को 136, 12 को 131, 13 को 183, 14 को 214, 15 को 290, 16 को 446, 17 को 543, 18 को 415, 19 को 214, 20 को 538, 21 को 278, 22 को 422 व 23 अप्रैल को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 435 तक पहुंच गई। इसके बावजूद अभी तक गरीबों के लिए समाज का कोई भी वर्ग न तो आर्थिक मदद के लिए और न ही मास्क व सैनिटाइजर बांटने के लिए खुलकर सामने आया है।