26 जर्जर आगनबाड़ी केंद्रों की बदलेगी दशा, होगा कायाकल्प
दो दशक पूर्व बनाए गए थे भवन जांच के लिए पीडब्ल्यूडी को भेजी गई सूची
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत सुधारने के लिए शासन गंभीर है। इन केंद्रों में सुविधा बढ़ने से कार्यकर्ता व सहायिकाओं को सहूलियत होगी। विभाग की तरफ से दो दशक पहले बनाए गए आगनबाड़ी केंद्रों के जर्जर व निष्प्रयोज्य हो चुके 26 भवनों को चिह्नित कर इसकी जांच के लिए सूची लोक निर्माण विभाग को भेज दी गई है। जल्द ही इन भवनों का कायाकल्प होगा।
जनपद के आठो ब्लाकों में 2079 आगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन प्राथमिक विद्यालयों के भवनों में हो रहा है। वे केंद्र, जो खुद के भवन में चल रहे हैं उनकी हालत भी दयनीय है। ऐसे में बच्चे जर्जर केंद्रों में बैठने को विवश तो हैं ही, हमेशा हादसे का भी खतरा बना रहता है। पीडब्ल्यूडी की तरफ से गठित टीम इन भवनों की जांच करने के बाद यह तय होगा कि भवन मरम्मत कराने लायक है या उसको गिराकर नए भवन बनाए जाएंगे। यह सभी आगनबाड़ी केंद्र वर्ष 2000 से पहले के बनाए गए हैं। हालांकि इन भवनों पर आगनबाड़ी केंद्रों का संचालन नहीं किया जा रहा था। इसके जगह पर बगल के स्कूल व पंचायत भवन पर आगनबाड़ी केंद्र का संचालन हो रहा था। इन ब्लाक के इतने भवनों का चयन
बाल विकास पुष्टाहार विभाग की तरफ से जिन 26 भवनों को चिह्नित किया गया है इनमें सबसे अधिक चतरा ब्लाक के 10 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसके अलावा राबर्ट्सगंज में दो, घोरावल में छह, चोपन में पांच, म्योरपुर में दो व बभनी ब्लाक में एक आगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं। कार्यदायी संस्था के खाते में आया 59.85 लाख रुपये
आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों की मरम्मत के लिए कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के खाते में प्रति भवन 8.55 लाख के हिसाब से सात भवनों का 59.85 लाख रुपये खाते में भेज दिया गया है। भवनों के चयनित होते ही काम शुरू हो जाएगा। वर्जन--
26 आगनबाड़ी केंद्रों के भवनों की सूची पीडब्ल्यूडी को भेज दी गई है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने भवनों की मरम्मत कराई जानी है और कितने नए भवन बनाने हैं।
- अजीत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी।
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जल्द ही एक इंजीनियरों की टीम गठित कर जर्जर हो चुके आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों की जांच कराई जाएगी।
- चंद्रप्रकाश, एक्सईएन प्रांतीय खंड व नोडल अधिकारी।
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