बीडीओ से वार्ता हुई विफल, जारी रहेगी भूख हड़ताल

जागरण संवाददाता महुली/ विढमगंज (सोनभद्र) दुद्धी ब्लाक के फुलवार गांव की घघिया बंधी के मरम्मत की मांग को लेकर ग्रामीणों का चल रहा अनशन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। मौके पर पहुंचे खंड विकास अधिकारी दुद्धी अनिल वर्मा ने अनशनकारियों को समझाने का प्रयास किया। उन्हें आश्वासन दिया कि वे पांच सिचाई कूप बनवा देंगे लेकिन इस पर बात नहीं बनी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 09:43 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:43 PM (IST)
बीडीओ से वार्ता हुई विफल, जारी रहेगी भूख हड़ताल
बीडीओ से वार्ता हुई विफल, जारी रहेगी भूख हड़ताल

जागरण संवाददाता, महुली/ विढमगंज (सोनभद्र) : दुद्धी ब्लाक के फुलवार गांव की घघिया बंधी के मरम्मत की मांग को लेकर ग्रामीणों का चल रहा अनशन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। मौके पर पहुंचे खंड विकास अधिकारी दुद्धी अनिल वर्मा ने अनशनकारियों को समझाने का प्रयास किया। उन्हें आश्वासन दिया कि वे पांच सिचाई कूप बनवा देंगे लेकिन इस पर बात नहीं बनी। तब बीडीओ वहां से लौट गए। उधर ग्रामीणों के चल रहे अनशन को सपा का समर्थन मिल गया है। बुधवार को मौके पर पहुंचे जिला पंचायत सदस्य व सपा नेता जुबेर आलम ने आंदोलन को समर्थन देने की बात कही और कहा कि ग्रामीणों की लड़ाई को और मजबूत किया जाएगा। बता दें कि करीब छ: वर्ष पूर्व बारिश के दौरान घघिया बंधी क्षतिग्रस्त हो गई थी। कई बार ग्रामीणों ने इसको लेकर प्रार्थना पत्र अफसरों को दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे क्षुब्ध ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान दिनेश यादव के अगुवाई में पहले धरना शुरू किया। लेकिन कोई सुनवाई न होने पर दो दिन पूर्व से ग्रामीणों ने अनशन शुरू कर दिया। बुधवार को अनशन स्थल पर खंड विकास अधिकारी दुद्धी अनिल वर्मा पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन कोई बात न बनने पर बीडीओ वहां से लौट गए। इस संबंध में ग्राम प्रधान दिनेश यादव, दसई यादव, भलन राम, गंगा कन्नौजिया, पुन्नू घसिया, रामप्यारे ने बताया कि इस बंधी का समय पर मरम्मत न होने से आसपास के ग्रामीणों व किसानों ने खेती के लिए लाले पड़ गए हैं। बरसात के पानी के बाद पूरे वर्ष तक पानी से लबालब रहने वाली बंधी अपने हाल पर रो रही है। बंधी के टूटने से आसपास के क्षेत्र का जल स्तर भी नीचे चला जाता है, जिससे गर्मी में पानी की काफी समस्या उत्पन्न हो जाती है। हर जगह से हार जाने के बाद हम सभी ग्रामीणों ने विचार-विमर्श कर भूख हड़ताल शुरू किया है। इस मौके पर तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।

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