सरकारी बस अड्डे पर बनी बस्ती पर लटकी बेदखली की तलवार

जागरण संवाददाता ओबरा ओबरा-सी के बाद अब सरकारी बस अड्डे की जमीन पर बसे निवासियों।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 10:11 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 10:11 PM (IST)
सरकारी बस अड्डे पर बनी बस्ती पर लटकी बेदखली की तलवार
सरकारी बस अड्डे पर बनी बस्ती पर लटकी बेदखली की तलवार

जागरण संवाददाता, ओबरा : ओबरा-सी के बाद अब सरकारी बस अड्डे की जमीन पर बसे निवासियों पर बेदखली की तलवार लटकी हुई है। इसके लिए 193 दुकानदारों को नोटिस भी दिया गया है।

दरअसल, प्रदेश भर में बस स्टैंडों को माडल स्वरूप देने की चल रही प्रक्रिया चल रही है। इसी क्रम में ओबरा के बस स्टैंड का नाम भी शामिल है। इस मामले को सीधे प्रमुख सचिव सहित परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक देख रहे हैं। वर्ष 2018 में ही उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम सोनभद्र ने जमीन विक्रेता उप्र राज्य विद्युत परिषद उत्पादन निगम लिमिटेड ओबरा का नाम निरस्त कराकर उक्त जमीन की खारिज दाखिल भी अपने नाम करा लिया था। कुछ दशकों में ओबरा डिपो के विकास को लेकर परिवहन निगम की शिथिलता के कारण बस अड्डे की भूमि पर लोगों का बसना जारी रहा। अभी यहां 500 से ज्यादा लोग निवास कर रहे हैं। इसे यहां से हटाना बड़ी प्रशासनिक चुनौती होगी।

शासन की योजना के तहत ओबरा में मॉडल बस अड्डा बनाया जाना है। इसके लिए बस अड्डे पर बसे लोगों को जगह खाली करने के लिए कहा गया है। फिलहाल मामला न्यायालय में विचाराधीन है जिसपर नवंबर में सुनवाई होनी है।

एके सिंह, एआरएम, परिवहन निगम।

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