291.40 लाख हो गए खर्च, नहीं लगी स्ट्रीट लाइट

जिले में वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर हिदुआरी मोड़ से सोन इको प्वाइंट तक करीब

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 04:32 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 04:32 PM (IST)
291.40 लाख हो गए खर्च, नहीं लगी स्ट्रीट लाइट
291.40 लाख हो गए खर्च, नहीं लगी स्ट्रीट लाइट

जासं, सोनभद्र : जिले में वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर हिदुआरी मोड़ से सोन इको प्वाइंट तक करीब 14 किमी लंबाई में डिवाइडर पर तथा फ्लाईओवर के नीचे सर्विस रोड पर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई जानी थी। जिला खनिज निधि (डीएमएफ) से इसके लिए 1840.89 लाख की धनराशि की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करते हुए प्रथम किश्त के रूप में 920.45 लाख रुपये अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड राब‌र्ट्सगंज सोनभद्र को अवमुक्त की गई थी। बाद में रिलायंस पेट्रोल पंप से लोढ़ी अस्पताल तक तथा टोल प्लाजा से सोन इको प्वाइंट तक एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए 1262.50 लाख रुपये की धनराशि के प्रस्ताव को प्रशासन ने संशोधित कराया था। इसके अलावा ऊर्जा के कुछ और कार्य भी कराए जाने थे। लेकिन कार्य कराया नहीं गया और 291.40 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। इसके बाद इस प्रोजेक्ट को भी रोक दिया गया।

जिले में सदर ब्लाक के हिदुआरी गांव से सोन इको प्वाइंट तक वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगनी थी। इसके लिए बकायदे जिला प्रशासन ने जिला खनिज निधि से बजट आवंटित कराया। कार्य के लिए टेंडर कराया। टेंडर स्वीकृत हुआ और फिर प्राथमिक स्तर पर कार्य भी शुरू हो गया। इसके तहत तय ठेकेदार ने काफी संख्या में बिजली के खंभे भी गिरा दिए। उसने स्ट्रीट लाइट आदि भी मंगा लिया। स्ट्रीट लाइट उसने अपने गोदाम में रखा। लेकिन खंभे वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग से कलेक्ट्रेट जाते समय कलेक्ट्रेट मोड़ पर ही नाले के पास लंबे समय से फेका पड़ा है, लेकिन उसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। नतीजा यह है कि धन खर्च होने के बावजूद वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर डिवाइडर तथा फ्लाईओवर के नीचे सर्विस रोड पर एलईडी स्ट्रीट लाइट अब तक नहीं लगाई जा सकी। इस मामले में हुई शिकायत के बाद इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया। 920.45 लाख रुपये के शासकीय धन के दुरुपयोग का लगाया था आरोप

भारतीय सामाजिक न्याय ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी, अध्यक्ष चौधरी यशवंत सिंह ने टेंडर की प्रक्रिया होने के बाद वर्ष 2019 में ही प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा था। इसमें आरोप लगाया था कि जिला खनिज फाउंडेशन न्यास के अध्यक्ष, सचिव द्वारा 1840.89 लाख की स्वीकृत परियोजना (हिदुआरी मोड़ से जिला मुख्यालय) पीपीपी माडल प्रविधानों से संचालित वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग है, जिसे चेतक कंपनी, एसीपी टोलवेज को सड़क निर्माण, प्रकाश की व्यवस्था, स्नानागार, शौचालय, यात्री विश्रामालय, एंबुलेंस आदि की देखरेख सीएसआर मद से किया जाना है। जसवंत ने आरोप लगाया कि जानबूृझकर या अन्य कारणों से इस मार्ग पर 1840.89 लाख की स्वीकृत परियोजना कराकर प्रथम किश्त 920.45 लाख धनराशि अवमुक्त कराकर दुरुपयोग किया जा रहा है। बाद में इस प्रोजेक्ट का संशोधित प्रस्ताव भी पास करा लिया गया लेकिन अवमुक्त धनराशि को वापस नहीं किया गया। प्रशासन ने काम पर लगा दिया है रोक, पड़ा है सामान आकर

विद्युत वितरण खंड राब‌र्ट्सगंज के अधिशासी अभियंता एसके सिंह ने बताया कि शिकायत हुई थी कि चेतक की सड़क है, उसे ही स्ट्रीट लाइट आदि का कार्य कराना चाहिए था लेकिन खनिज निधि का धन यहां क्यों लग रहा। इस पर प्रशासन ने स्ट्रीट लाइट लगाने के कार्य पर रोक लगा दिया गया है। जबकि ठेकेदार ने खंभा, स्ट्रीट लाइट ला दिया है। फाउंडेशन का कार्य भी शुरू हो गया था। कुछ धनराशि ठेकेदार को भुगतान कर दी गई है, जबकि अभी ठेकेदार का अन्य भुगतान नहीं किया गया है। प्रशासन ने मौखिक रोक लगाई है। जब कार्य कराने का आदेश होगा तो काम शुरू कराया जाएगा।

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