जिले का केला पहली बार पहुंचा बनारस मंडी

जागरण संवाददाता करमा (सोनभद्र) पारंपरिक खेती के इतर फलों की खेती का स्वाद किसानों ने च

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Jan 2021 06:12 PM (IST) Updated:Wed, 06 Jan 2021 06:12 PM (IST)
जिले का केला पहली बार पहुंचा बनारस मंडी
जिले का केला पहली बार पहुंचा बनारस मंडी

जागरण संवाददाता, करमा (सोनभद्र) : पारंपरिक खेती के इतर फलों की खेती का स्वाद किसानों ने चख लिया है। इस बार केले की खेती करके और उससे अच्छी आमदनी प्राप्त किसानों ने इसे और बढ़ाने का मन बनाया है। हालात सामान्य रहे तो अगली बार खेती का दायरा भी बढ़ेगा और किसानों की संख्या। जिले में पहली बार केले की खेती और वाराणसी मंडी में पहुंचने के बाद अच्छी आमदनी से किसानों में उत्साह है।

राब‌र्ट्सगंज ब्लाक के कूसी गांव के किसान भोला प्रसाद कुशवाहा ने इस बार सितंबर में उद्यान विभाग से मिले पौधों को लेकर अपने खेत में पहली बार केले की खेती की थी। काफी अच्छी पैदावार होने के चलते उनका केला बनारस के मंडियों में पहुंच गया है। इसी तरह करमा ब्लाक बिसुनपुरा गांव निवासी चंद्रिका प्रसाद मौर्य ने पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद छह बीघा में केले की खेती किया है। उन्होंने अगस्त में केला लगाया था। उन्होंने बताया कि 14 महीने की यह खेती है। एक बीघा केले की खेती में करीब 50 हजार की लागत आती है और बचत करीब 2.5 लाख से तीन लाख तक हो जाती है। कहा कि अब किसानों को धान, गेहूं व टमाटर पर ही आश्रित नहीं रहना चाहिए। इस क्षेत्र की मिट्टी में पपीता व केले की खेती भी बहुत उपयोगी साबित हो रही है।

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