भगवान को किसी भी रूप में देखने पर होगा उद्धार
युवक मंगल दल की तरफ से सरौली गांव में आयोजित संगीतमय श्रीमछ्वागवत ज्ञान यज्ञ कथा के छठवें दिन भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती की झांकी देख भक्त मंत्रमुग्ध हो गए। कथा में रास व महारास लीला की कथा सुनाई गई। बाल व्यास कथावाचक आराधना चतुर्वेदी ने कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान भोलेनाथ माता पार्वती से जिद कर के गोपी रूप में तैयार हो कर महारास में सम्मिलित होने गए और जब प्रभु कृष्ण की ²ष्टि भगवान शिव पर पड़ी तो वह पहचान गए और बां
जासं, सोनभद्र : युवक मंगल दल की तरफ से सरौली गांव में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के छठवें दिन भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती की झांकी देख भक्त मंत्रमुग्ध हो गए। कथा में रास व महारास लीला की कथा सुनाई गई।
बाल व्यास कथावाचक आराधना चतुर्वेदी ने कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान भोलेनाथ माता पार्वती से जिद कर के गोपी रूप में तैयार हो कर महारास में सम्मिलित होने गए और जब प्रभु कृष्ण की ²ष्टि भगवान शिव पर पड़ी तो वह पहचान गए और बांसुरी बजाने लगे। जिसे सुन कर भगवान भोलेनाथ सब भूल कर आनंद तांडव करने लगे। उनके साथ कृष्ण ने भी नृत्य किया। कथा का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि यह रासलीला जीव व ब्रह्म की लीला थी अर्थात जीव व ब्रह्म का मिलन था न कि सांसारिक माया मोह था। ईश्वर का कथन है की भक्त भगवान को किसी भी रूप में देखे उसका उद्धार हो जाता है। इसमें रमेश मिश्र, करमा थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, डा. नीरज मिश्र, डा. अरविन्द सिंह, राजेश द्विवेदी, अजित पटेल, रामायण यादव, मुकेश द्विवेदी अरविद शुक्ला आदि रहे।