बाणसागर बांध के पानी से पुल निर्माण को बनी सड़क बही
ओबरा (सोनभद्र) मध्यप्रदेश की सीमा के पास सोन नदी में शिल्पी-कुडारी में बनाए जा रहे पुल के निर्माण में बाधा उत्पन्न हुई है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : मध्यप्रदेश की सीमा के पास सोन नदी में शिल्पी-कुडारी में बनाए जा रहे पुल के निर्माण में बाधा उत्पन्न हुई है। मध्य प्रदेश के शहडोल स्थित बाणसागर बांध से आ रहे पानी की वजह से पुल निर्माण के लिए नदी में बनाई गई अस्थाई रोड बह गई है। इसके कारण पुल निर्माण में व्यवधान उत्पन्न हुआ है।
रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के विध्याचल मंडल के परियोजना प्रबंधक ई. आरएस उपाध्याय ने पुल निर्माण का मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने अस्थाई रोड के टूटने से हो रहे व्यवधान का भी जायजा लिया। दरअसल बिहार और मध्यप्रदेश सरकार के बीच हुए समझौते के तहत रबी फसलों की सिचाई के लिए बाणसागर बांध से पानी की निकासी की जा रही है। इसी माह सात जनवरी से 13 जनवरी तथा 16 जनवरी से 19 जनवरी के बीच 39660 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। चालू माह में 11 दिनों तक बाणसागर से आये पानी की वजह से पुल निर्माण के लिए बनाया गई अस्थायी रोड बह गई। इसके कारण दोनों किनारे कुडारी से शिल्पी के बीच पुल निर्माण के लिए होने वाला संपर्क कट गया है। जानकारी के अनुसार अभी अगले कई दिनों तक बाणसागर से समझौते के तहत बिहार के लिए पानी छोड़ा जाना है। रविवार को पहुंची सेतु निगम की टीम में सहायक अभियंता एचएन यादव भी मौजूद रहे।
पुल निर्माण में तेजी
कुडारी-शिल्पी में चल रहे पुल निर्माण में तेजी है। सेतु निगम को शिल्पी की ओर भी एक बॉक्स गार्डर बनाने में सफलता मिली है। मानसून सत्र के बाद अक्टूबर माह से शुरू हुए पुन: निर्माण के दौरान ही कुल चार बॉक्स गर्डर स्थापित किया जा चुका है। फिलहाल पुल निर्माण 44 फीसद हो गया है। अभी तक शासन द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए 31.96 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जबकि सेतु निगम द्वारा विभागीय संसाधनों से पुल निर्माण में 39.68 करोड़ खर्च किए जा चुके है। चालू वित्त वर्ष में ही प्रदेश सरकार ने पुल की लागत में 40.89 करोड़ रुपये की वृद्धि को स्वीकृति दी है। इसके बाद पुल की पुनरीक्षित लागत 76.89 करोड़ हो गयी है। हालांकि जल्द ही अगर शासन द्वारा धन आवंटित नहीं किया गया तो पुल निर्माण में शिथिलता आ सकती है। वर्ष 2013-14 में स्वीकृत पुल का निर्माण जनवरी 2016 में शुरू हुआ था। तब पुल की लागत 3322.51 लाख थी। इसमें कुछ आंशिक वृद्धि हुई थी। 960 मीटर लंबे पुल में कुल 22 खंभे हैं।
वर्जन..
पुल निर्माण के लिए नदी में बनायी गयी स्थायी रोड तेज बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। इसके कारण कार्य में व्यवधान आया है। बावजूद अक्टूबर के बाद से अब तक चार बाक्स गर्डर स्थापित किया जा चुका है। अभी तक पुल निर्माण 44 फीसद हो चुका है। मार्च 2022 तक पुल निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।
इ. आरएस उपाध्याय, परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम (विध्याचल मंडल )