प्राइमरी स्कूलों का अस्तित्व बचाने को उठी आवाज
राज्य विद्युत परिषद अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति कर्मचारी कल्याण समिति ने उत्पादन निगम अंतर्गत चार दशक पुराने प्राइमरी स्कूलों का अस्तित्व बचाने की मांग की है।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : राज्य विद्युत परिषद अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति कर्मचारी कल्याण समिति ने उत्पादन निगम अंतर्गत चार दशक पुराने प्राइमरी स्कूलों का अस्तित्व बचाने की मांग की है। समिति ने ओबरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर प्राइमरी स्कूलों को ओबरा इंटर कालेज में स्थानांतरित करने की मांग की है। मुख्य महाप्रबंधक को लिखे पत्र में समिति ने निगम प्रबंधन पर प्राइमरी स्कूलों और ओबरा इंटर कालेज के अस्तित्व को समाप्त करने का आरोप लगाया है। समिति के सचिव राजेश सिंह ने बताया कि कालोनी में मौजूद सभी जूनियर बेसिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों की संख्या 38 है। जिसमें 24 अध्यापक जूनियर बेसिक विद्यालयों में एवं 14 अध्यापक ओबरा इंटर कालेज में अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। ओबरा इंटर कालेज में जूनियर बेसिक विद्यालयों का संचालन सर्वथा उपर्युक्त है क्योंकि प्रवक्ता के कुल 23 पदों में 6 प्रवक्ता एवं एलटी ग्रेड के कुल 67 पदों में मात्र 5 अध्यापक ही कार्यरत है। आज भी शेष कक्षाओं का संचालन जूनियर बेसिक विद्यालयों के अध्यापकों द्वारा किया जा रहा है। मांग किया कि सभी जूनियर बेसिक विद्यालयों को ओबरा इंटर कालेज के प्रांगण में संचालित कर डीएवी विद्यालय को राजकीय प्राइमरी पाठशाला, सेक्टर 3 में संचालित किया जाए जिससे ओबरा इंटर कालेज भी सुव्यवस्थति संचालित हो सके।