रिहंद जलाशय के जलस्तर में 10 फीट की हुई वृद्धि

सोनभद्र पिछले एक सप्ताह के दौरान विध्य रेंज सहित छोटा नागपुर क्षेत्र के कई जिलों में हुई भारी बारिश के कारण रिहंद जलाशय के जलस्तर में लगभग 10 फीट की भारी वृद्धि हुई है। पिछले दो दिनों से बारिश में कमी आई है लेकिन जलस्तर में वृद्धि जारी है। बीते 28 जुलाई को रिहंद का जलस्तर 845.9 फीट था जो पांच अगस्त को 855 फीट पहुंच गया था। जो पिछले वर्ष से 2.6 फीट ज्यादा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 11:13 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 11:13 PM (IST)
रिहंद जलाशय के जलस्तर में 10 फीट की हुई वृद्धि
रिहंद जलाशय के जलस्तर में 10 फीट की हुई वृद्धि

सोनभद्र : पिछले एक सप्ताह के दौरान विध्य रेंज सहित छोटा नागपुर क्षेत्र के कई जिलों में हुई भारी बारिश के कारण रिहंद जलाशय के जलस्तर में लगभग 10 फीट की भारी वृद्धि हुई है। पिछले दो दिनों से बारिश में कमी आई है लेकिन जलस्तर में वृद्धि जारी है। बीते 28 जुलाई को रिहंद का जलस्तर 845.9 फीट था जो पांच अगस्त को 855 फीट पहुंच गया था। जो पिछले वर्ष से 2.6 फीट ज्यादा है। रिहंद के लिए जल संग्रहण करने वाले जनपदों में 28 जुलाई से दो अगस्त तक 684.2 मिलीमीटर भारी बारिश हुई है। इनमें सोनभद्र में दौरान 196.8 मिलीमीटर, मध्य्प्रदेश के सिगरौली में 178.3 मिलीमीटर, छत्तीसगढ़ के कोरिया में 101.9 मिलीमीटर, सरगुजा में 100.3 मिलीमीटर एवं सूरजपुर में 107 मिलीमीटर बारिश हुई। मानसून की शुरुआती डेढ़ माह में जहां लगभग पांच फीट जलस्तर बढ़ा था वही मात्र पांच दिनों में ही भारी बारिश के कारण जलस्तर 10 फीट के करीब बढ़ गया। अगर मानसून पुन: सक्रीय हुआ तो जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो जाएगी। अभी अधिकतम से जलस्तर लगभग 17 फीट कम है। उधर मध्यप्रदेश के शहडोल स्थित बाणसागर बांध के जलस्तर में वृद्धि जारी है। चालू मानसून सत्र में एमपी के अनूपपुर, शहडोल, डिडोरी, जबलपुर, कटनी, मंडला एवं सतना आदि जनपदों में हो रही बारिश से बाणसागर के जलस्तर में तीन मीटर तक की वृद्धि हो चुकी है। बाणसागर जलविद्युत परियोजना की इकाइयों के चलने के कारण सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। सोन नदी में एमपी की गोपद, बानस, यूपी में विजुल, रेणुका एवं कनहर तथा झारखंड की नार्थ कोयल नदियों का पानी मिलने से इंद्रपुरी बराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। बीते एक अगस्त को बराज से 335370 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जल विद्युत उत्पादन में वृद्धि

रिहंद के जलस्तर में वृद्धि के कारण रिहंद की पांच इकाइयों से पीक आवर के दौरान लगातार उत्पादन कराया जा रहा है। रिहंद की इकाइयों के चलने से ओबरा जल विद्युत घर की भी दो इकाई को पूरे दिन चलाया जा रहा है। इकाइयों के चलने के कारण रिहंद से आ रहे 20 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी के कारण ओबरा डैम पर दबाब बना हुआ है। सस्ती बिजली के साथ पानी की उपलब्धता के कारण जलविद्युत उत्पादन बढ़ाया गया है। रिहंद की इकाइयों से 174 मेगावाट तक उत्पादन कराया जा रहा है।

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