चित्र .18. आंतरिक आनंद की अनुभूति ध्यान से ही संभव

जागरण संवाददाता अनपरा (सोनभद्र) आंतरिक आनंद की अनुभूति सिर्फ ध्यान से ही संभव है। मोक्ष केवल मनुष्य योनि में ही संभव है। संसार में चार वस्तुएं दुर्लभ हैं। मनुष्य योनि धर्म श्रवण धर्म पर श्रद्धा सभी लोगों को प्राप्त हैं। लेकिन चौथी दुर्लभ वस्तु संयम यानी कि सन्यास है। अपने सभी परिजनों और शुभचितकों की मंगल भावनाओं से मैं इससे अंगीकार करने जा रही हूं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:10 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 11:10 PM (IST)
चित्र .18. आंतरिक आनंद की अनुभूति ध्यान से ही संभव
चित्र .18. आंतरिक आनंद की अनुभूति ध्यान से ही संभव

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : आंतरिक आनंद की अनुभूति सिर्फ ध्यान से ही संभव है। मोक्ष केवल मनुष्य योनि में ही संभव है। संसार में चार वस्तुएं दुर्लभ हैं। मनुष्य योनि, धर्म श्रवण, धर्म पर श्रद्धा सभी लोगों को प्राप्त हैं। लेकिन चौथी दुर्लभ वस्तु संयम यानी कि सन्यास है। अपने सभी परिजनों और शुभचितकों की मंगल भावनाओं से मैं इससे अंगीकार करने जा रही हूं। आचार्य महाश्रमण से दीक्षा प्राप्त करने जा रही मुमुक्षु प्रेक्षा ने जैन कांपलेक्स औडीमोड़ पर आयोजित मंगल भावना समारोह में उक्त विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे ऊर्जांचल जन कल्याण समिति के महासचिव केसी जैन ने कहा कि सदियों पहले भगवान श्री महावीर ने स्पष्ट कर दिया था कि सूक्ष्म से सूक्ष्म कण में भी जीवन होता है। प्रमुख समाज सेवी आरजी खंडेलवाल ने कहा कि जैन धर्म की साध्वी कड़ी तपस्या के साथ साधना करतीं हैं। इस बालिका का संकल्प प्रेरणा के योग्य है। प्रकाश यादव ने कहा कि भारत की भूमि शुरू से ही तपस्थली रही है। सत्यव्रत, निष्ठा का दूसरा नाम ही सन्यास है। अजीत सिंह कंग ने कहा कि बालिका का यह संकल्प पूर्व जन्मों की पूजा, तपस्या और कर्मों का परिणाम है। पुनीत लाल यादव ने कहा कि समाज को श्रेष्ठ जीवन प्रदान करने व सदाचार की राह दिखाने के लिए त्याग और तपस्या भारत की पुरातन संस्कृति रही है। समिति अध्यक्ष आरडी सिंह ने कहा कि इस बालिका ने मुमुक्षु की तरफ कदम बढ़ा कर ध्रुव की परंपरा को साकार किया है। अनिल जैन, पूजा, सुधा, हेमलता, रीना आदि ने भजन प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में जैन मिलन के डा. राजीव चौधरी, हेमलता चौधरी, सुशीला जैन, राजबाला जैन, रीना जैन, प्रतिमा जैन, बबिता जैन, अभिषेक जैन, डीसी जैन, प्रदीप सिधल, राशि कोठारी, अशोक गुणेचा, अनिल जैन आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

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