एनसीएल पर आधारित विद्युत संयंत्रों का उत्पादन नहीं होगा बाधित

सबहेड---तापीय परियोजनाओं को चलाने के लिए 24 दिन का कोयला उपलब्ध -कोयला संकट - समुचित इंतजाम नहीं किए जाने से विद्युत गृहों के समक्ष उपजा है संकट -कोरोना काल के बाद अचानक बढ़ी बिजली की मांग की नहीं की गई तैयारी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 05:41 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 05:41 PM (IST)
एनसीएल पर आधारित विद्युत संयंत्रों का उत्पादन नहीं होगा बाधित
एनसीएल पर आधारित विद्युत संयंत्रों का उत्पादन नहीं होगा बाधित

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : एनसीएल पर आधारित कोयले से संचालित तापीय परियोजनाओं को कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी। कोल इंडिया के पास तापीय परियोजनाओं को चलाने के लिए 24 दिन का कोयला उपलब्ध है। कोरोनाकाल के पीक आवर में तापीय परियोजनाओं द्वारा आगामी सोच को दरकिनार कर कोयला स्टाक नहीं किए जाने से यह विषम परिस्थिति उत्पन्न हुई है। सितंबर माह में भारी बारिश की वजह से कोल खदानों का ढांचा ही लड़खड़ा गया था। अमूमन बारिश के दिनों में कोल खदानों से कोयला उत्पादन व प्रेषण पर प्रतिकूल असर पड़ता रहता है। इस दौरान भीगे कोयले की समस्या को लेकर तापीय परियोजनाएं भी संतुलित मात्रा में कोयले को मंगाती है। कोरोना काल के बाद अचानक बिजली की बढ़ी मांग के मद्देनजर तापीय परियोजनाओं द्वारा पूर्णतया तैयारी नहीं की गयी थी। जबकि एनसीएल के पास कोरोनाकाल के दौरान प्रचुर मात्रा में कोयले का भंडारण था। लिकेज से जुड़ी तापीय परियोजनाओं को बराबर कोल कंपनी द्वारा सुझाव दिया जाता रहा कि कोयला व रेल रैक मनमाफिक रूप से उपलब्ध है। लिहाजा आने वाले समय का आंकलन कर कोयला का उठान किया जाए लेकिन तापीय परियोजनाओं ने इस सुझाव की अनदेखी की। जिसका खामियाजा कोल खदानों को भी भुगतना पड़ा। कोयले का समुचित उठाव नहीं होने से खदान क्षेत्र में मानक से ज्यादा कोयला का भंडारण हो गया था, जिससे तमाम यार्डों में आग लग जाने से बहुतेरे कोयले जलकर खाक हो गये। एनसीएल ने गत वर्ष के सापेक्ष छमाही कार्यकाल में दो बार सर्वाधिक कोयला प्रेषण कर रिकार्ड भी बनाया। साथ ही गत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष 15 फीसदी अधिक कोयले का प्रेषण भी किया गया है। देश में कोयले को लेकर मचे हाहाकार पर भी कंपनी अपने संबंधित बिजली घरों पर उत्पादन में किसी प्रकार की कोई समस्या कोयले को लेकर नहीं आने देने का दावा कर रही है। यह तापीय परियोजनाओं के लिए शुभ संकेत है। गत दो पखवारे से बारिश थमने से कोल परियोजनाओं द्वारा लक्ष्य से अधिक कोयला उत्पादन व प्रेषण का क्रम जारी रखे हुए हैं।

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