योगासन, प्राणायाम और ध्यान का करें अभ्यास
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बेहतर करना शरीर को निरोगी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेद स्वस्थ एवं प्रसन्न रहने के लिए प्रकृति के उपहारों के इस्तेमाल पर जोर देता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए वरिष्ठ चिकित्साधिकारी राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय राबर्ट्सगंज डा. मिलन सिंह ने गुरुवार को अहम व उपयोगी जानकारी साझा की है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बेहतर करना शरीर को निरोगी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेद स्वस्थ एवं प्रसन्न रहने के लिए प्रकृति के उपहारों के इस्तेमाल पर जोर देता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए वरिष्ठ चिकित्साधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय राबर्ट्सगंज डा. मिलन सिंह ने गुरुवार को अहम व उपयोगी जानकारी साझा की है।
डा. मिलन ने कहा कि कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसी स्थिति में पूरे दिन गर्म पानी पीएं। आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें। खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों का उपयोग स्वाद के अनुसार अधिक से अधिक करें। प्रतिदिन सुबह एक चम्मच यानी 10 ग्राम च्यवनप्राश का सेवन करें। मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेना चाहिए। इससे इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सौंठ और मुनक्का से बना काढ़ा, हर्बल टी दिन में एक या दो बार जरूर लें। यदि आवश्यक हो तो अपने स्वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नीबू का रस भी मिला सकते हैं। इसके अलावा कुछ सामान्य उपाय जैसे सुबह और शाम को नाक में तिल, नारियल का तेल या घी लगाएं। एक चम्मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लें। उसे पिएं नहीं बल्कि दो से तीन मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें। उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। ऐसा दिन में एक या दो बार किया जा सकता है। सूखी खांसी में ये करें उपाय
ताजे पुदीना के पत्तों या अजवाइन के साथ दिन में एक बार भाप लें। खांसी या गले में जलन होने पर लौंग पाउडर को गुड़ या शहद के साथ मिलाकर दिन में दो से तीन बार सेवन करें।