रिहंद में गया प्रदूषित पानी तो बंद होंगे बिजली घर

ऊर्जांचल दौरे पर आयी तीन दिवसीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओवर साइट कमेटी ने मंगलवार को सिगरौली-सोनभद्र की सभी परियोजनाओं और प्रतिष्ठानों से प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाये गए कदमों की जानकारी ली।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Dec 2019 07:05 PM (IST) Updated:Tue, 17 Dec 2019 09:38 PM (IST)
रिहंद में गया प्रदूषित पानी तो बंद होंगे बिजली घर
रिहंद में गया प्रदूषित पानी तो बंद होंगे बिजली घर

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : एनजीटी की ओवर साइट कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस डा. राजेश कुमार ने स्पष्ट कहा कि रिहंद जलाशय में एक बूंद भी राखयुक्त प्रदूषित पानी गया तो उन बिजली परियोजनाओं को भारी पेनाल्टी के साथ इकाइयों को बंद करने की संस्तुति एनजीटी से की जाएगी।

जस्टिस कुमार तीन दिवसीय ऊर्जांचल दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने सिगरौली-सोनभद्र की सभी परियोजनाओं और प्रतिष्ठानों से प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाये गए कदमों की जानकारी ली। एनटीपीसी विध्याचल प्रशासनिक भवन में सभी कोल, बिजली व क्रेशर आदि परियोजना प्रबंधकों के साथ क्रमवार बैठक शाम तक जारी रहा। कमेटी ने सभी तापीय परियोजनाओं के ऐश डाइक की स्थिति व उसके डिस्चार्ज वाटर के मैनेजमेंट की प्रक्रिया का विस्तृत जानकारी लेने के बाद नाराजगी जाहिर की। कोर कमेटी की पूर्व की अनुशंसाओं पर की गई कार्रवाई से संबंधित अपने स्टेटस को परियोजनाओं द्वारा सौंपा गया। सड़क मार्ग से हो रहे कोल परिवहन का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने का हवाला देते हुए कमेटी ने एक वीडियो दिखाकर अवगत कराया कि पूर्णतया ढक कर कैसे कोल परिवहन हो सकता है। ढक कर कोल परिवहन संभव है। इसे दो महीने के अंदर इंप्रूभ करने का निर्देश दिया। एनसीएल ने आश्वास्त किया कि हाफ डाला वाले वाहन से कोल परिवहन नहीं होगा। फूल डाला वाले वाहन से ही कोल परिवहन होगा। ऐश यूटिलाइजेशन हेतु गोरबी खदान में एसेडिक युक्त पानी भर जाने को लेकर हो रही देरी पर कहा कि इसका समुचित निस्तारण कर अग्रिम कदम उठाया जाएगा। स्टोन क्रेशर क्षेत्र के संचालकों को निर्देश दिया कि उड़ रहे धूल पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु तीन स्टेप में तिरपाल से ढक कर बचाव कार्य किया जाए। औड़ी-शक्तिनगर फोरलेन सड़क निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 15 दिन के अंदर निर्माण कार्य में तेजी लाया जाए।

तीन दिवसीय दौरे पर आयी कमेटी ने दो दिन तापीय परियोजनाओं के ऐश डाइक का स्थलीय निरीक्षण कर जलाशय में जा रहे पानी का सैंपल एकत्रित किया था। समीक्षा बैठक में सिगरौली कलेक्टर केवीएस चौधरी, सीपीसीबी लखनऊ एसके गुप्ता, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी, विध्याचल परियोजना के सीजीएम देबाशीष सेन, अनपरा परियोजना के सीजीएम एचपी सिंह, राजेन्द्र राय, विपिन कुमार, एएन पांडेय समेत सैकड़ों औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधक उपस्थित रहे।

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