बिजली की मांग 14 हजार मेगावाट से भी कम

प्रदेश के कई हिस्सों में असमय बारिश के कारण तापमान में हुयी कमी के कारण बिजली उत्पादन में भारी कटौती करनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 07:20 PM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 07:20 PM (IST)
बिजली की मांग 14 हजार मेगावाट से भी कम
बिजली की मांग 14 हजार मेगावाट से भी कम

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : प्रदेश के कई हिस्सों में असमय बारिश के कारण तापमान में कमी के कारण बिजली उत्पादन में भारी कटौती करनी पड़ रही है। रविवार को पीक आवर के दौरान अधिकतम प्रतिबंधित मांग 14 हजार मेगावाट से भी कम दर्ज की गई। पिछले एक सप्ताह में मांग में दो हजार मेगावाट तक की कमी आई है । इस कारण  कई इकाइयों को निरंतर  शटडाउन पर रखा जा रहा है। वर्तमान में सात इकाइयों को शटडाउन पर रखा गया है। इसके कारण  लगभग 1900 मेगावाट उत्पादन कम हुआ है। अभी  कई  चालू इकाइयों से भी कम उत्पादन कराया जा रहा है। उत्पादन निगम की 110 मेगावाट क्षमता की जहां एक इकाई को  बंद  कराया गया है वहीं केंद्रीय  और निजी सेक्टर की छह इकाइयों को  शटडाउन  पर लिया गया है। समाचार लिखे जाने तक सोमवार शाम छह बजे ओबरा की कुल 800 मेगावाट क्षमता की इकाइयों से 400 मेगावाट के करीब उत्पादन कराया जा रहा था।

मांग में कमी जारी 

सोमवार शाम छह बजे मांग 10886 मेगावाट के करीब रही। पिछले कुछ दिनों की मांग पर नजर डाला जाए तो 22 फरवरी को अधिकतम प्रतिबंधित मांग 12454, 21 को 12914, 20 को 14859, 19 को 15018 तथा 15177 मेगावाट रही। समाचार लिखे जाने तक उत्पादन निगम की चालू इकाइयों से 2145 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर  निजी बिजली घरों से 2768 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। वहीं पिपरी और ओबरा जल विद्युत घरों की कुल पांच इकाइयों से उत्पादन कराया जा रहा था। पिपरी की तीन इकाइयों से 115 मेगावाट तथा ओबरा की दो इकाई से 56 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। इसके अलावा खारा परियोजना से 24 मेगावाट उत्पादन हो रहा था ।  

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