नगवां प्रकरण में पुलिस बैक फुट पर

कोतवाली क्षेत्र के नगवां बालू साइड पर मई माह के अंतिम सप्ताह में घटित घटनाओं में पुलिस अब बैक फुट पर आ गई। ग्रामीणों की बातों को सिरे से खारिज करने वाली पुलिस 23 मई को कनहर नदी से बरामद राम सुंदर गोंड़ के शव के मामले में मृतक के पुत्र लालबहादुर की तहरीर पर पकरी के पूर्व ग्राम प्रधान समेत दो को मामले में नामजद कर प्राथमिकी शुक्रवार की देररात दर्ज कर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 05:10 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 05:10 PM (IST)
नगवां प्रकरण में पुलिस बैक फुट पर
नगवां प्रकरण में पुलिस बैक फुट पर

जासं, दुद्धी (सोनभद्र) : नगवां बालू साइट पर मई माह के अंतिम सप्ताह में घटित घटनाओं में पुलिस अब बैक फुट पर आ गई। ग्रामीणों की बातों को सिरे से खारिज करने वाली पुलिस 23 मई को कनहर नदी से बरामद राम सुंदर गोंड़ के शव के मामले में मृतक के पुत्र लालबहादुर की तहरीर पर पकरी के पूर्व ग्राम प्रधान समेत दो को मामले में नामजद कर प्राथमिकी शुक्रवार की देर रात दर्ज कर ली गई। इतना ही नहीं 31 मई को बालू साइट पर हुए तोड़फोड़ के मामले में जेल में निरुद्ध पकरी ग्राम प्रधान, चौकीदार समेत सभी 11 आरोपितों की आनन-फानन में जमानत भी हो गई। सभी आरोपित जिला जेल से देररात अपने घर पहुंच गए। इस पूरे प्रकरण को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। पुलिस जहां इस मामले को लेकर चुप्पी साधे है। वहीं प्रकरण की उछालने वाले विभिन्न दलों के नुमाइंदों का हौसला बुलंद है। वे समूचे घटनाक्रम में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की मांग पर उतारू है। वहीं प्रबुद्ध वर्ग भी इस अजीबों गरीब घटनाक्रम को लेकर हतप्रभ है।

शुक्रवार को घटनाक्रम का मजिस्ट्रेटी जांच शुरू होने के साथ ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई। दूसरी ओर पूर्व आइजी दारापुरी ने मामले में हस्तक्षेप कर समूचे प्रकरण को डीजीपी एवं गृह सचिव तक मामला पहुंचाया तो इलाकाई पुलिस शीर्ष अधिकारियों के दिशा निर्देश पर मृतक के पुत्र लाल बहादुर की तहरीर पर पकरी गांव के पूर्व प्रधान ज्वाला प्रसाद एवं झारखंड के हजारीबाग निवासी सुरेश गुप्ता के खिलाफ भादवि 302 एवं 201 के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी विवेचना शुरू हो गई।

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