बिजली आपूर्ति बेपटरी ,पेयजल के लिए तरसे लोग
पॉवर कैपिटल के नाम से मशहूर जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था इन दिनों बेपटरी हो चुकी है। कहीं 36-40 घंटे से बिजली नहीं है तो कहीं लो-वोल्टेज के कारण बल्ब खुद को प्रकाश मुहैया कराते नजर आ रहे हैं। आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने से व्यापारियों का कारोबार प्रभवित हो रहा है तो वहीं आम जन पानी के लिए परेशान हो उठा है। सबसे ज्यादा समस्याएं नक्सल प्रभावित चतरा, नगवां और दुद्धी ब्लाक क्षेत्रों में है। म्योरपुर ब्लाक के गो¨वदपुर, चोपन के कोन, जुगैल क्षेत्र में बिजली की समस्या इन दिनों गंभीर है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पॉवर कैपिटल के नाम से मशहूर जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था इन दिनों बेपटरी हो चुकी है। कहीं 36-40 घंटे से बिजली नहीं है तो कहीं लो-वोल्टेज के कारण बल्ब खुद को प्रकाश मुहैया कराते नजर आ रहे हैं। आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने से व्यापारियों का कारोबार प्रभावित हो रहा है तो वहीं आमजन पानी के लिए परेशान हो उठा है। सबसे ज्यादा समस्याएं नक्सल प्रभावित चतरा, नगवां और दुद्धी ब्लाक क्षेत्रों में है। म्योरपुर ब्लाक के गो¨वदपुर, चोपन के कोन, जुगैल क्षेत्र में बिजली की समस्या इन दिनों गंभीर है।
तकनीकी खराबी से आपूर्ति बाधित
नगवां व चतरा ब्लॉक के लगभग दर्जनों गांवों का पन्नूगंज विद्युत उपकेंद्र में तकनीकी खराबी आने के कारण शुक्रवार से लेकर शनिवार की रात तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। रात में आपूर्ति तो बहाल कर दी गई लेकिन वोल्टेज लो था। चतरा, मरकरी फीड में तो रात में भी बिजली नहीं आई। यहां से करीब 100 से अधिक गांवों में बीते 24 घंटे के भीतर महज तीन से चार घंटे ही बिजली मिली है।
हैंडपंपों पर रही भीड़
पसही विद्युत उपकेंद्र से जुड़े गांवों की बिजली रविवार की शाम को बीते 36 घंटे से प्रभावित रही। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा दिक्कत करमा, केकराही, खैराही चट्टी के लोगों को पेयजल के लिए हुई। बिजली न होने के कारण लोगों को हैंडपंप पर पहुंचकर कतार में खड़े होना पड़ा। करमा के सुरेश कुमार, मुकेश ¨सह, अंबिका प्रसाद ने विद्युत आपूर्ति व्यवस्था आए दिन प्रभावित होती रहती है। कभी तकनीकी खराबी तो कभी अन्य वजहों से बिजली गुल रहती है।
36 घंटे बाधित रही विद्युत आपूर्ति
दुद्धी (सोनभद्र): तहसील मुख्यालय की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था इन दिनों बेपटरी हो गई है। शुक्रवार की शाम से कटी बिजली रविवार को दोपहर बाद आई। महकमे के लापरवाह पूर्ण कार्यशैली से आम लोगों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। तहसील मुख्यालय को निर्वाध रूप से बीस घंटे की विद्युत आपूर्ति के लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर नई एवं अलग व्यवस्था की है। इसके तहत पिपरी पावर हाउस से दुद्धी सबस्टेशन तक नई लाइन बनाई गई है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि नई लाइन एवं सबस्टेशन निर्माण में कार्यदायी संस्था के साथ संबंधित महकमे के लोगों ने जमकर खेल खेला है। सरकारी खजाने से महंगे उपकरणों का दाम निकाला गया जबकि लगाए गए उपकरण काफी घटिया बताए जा रहे हैं। परेशान हाल उपभोक्ताओं ने विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए तत्काल इस समस्या का गंभीरता पूर्वक निस्तारण कराने की मांग की है।
बिजली की मांग में कमी जारी
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : पहाड़ों में हुई बर्फबारी के साथ मैदानी इलाकों में हुई बारिश के कारण बिजली की प्रतिबंधित मांग में कमी जारी है। बीते पीक आवर के दौरान प्रतिबंधित मांग 244 मियू के करीब रही।बीते 13 फरवरी को बिजली की प्रतिबंधित मांग 265 मियू के करीब थी जिसमे लगातार गिरावट जारी है। 14 फरवरी को मांग घटकर 244.6 मियू,15 फरवरी को 233.5 मियू तथा 16 फरवरी को 244 मियू के करीब रही। मांग में हो रही लगातार कमी के कारण ऊर्जा प्रबंधन को राहत मिली है।रविवार को ओबरा से उत्पादन 542 मेगावाट के करीब रहा।समाचार लिखे जाने तक ओबरा की नौवी इकाई से 182 मेगावाट तथा 10वीं इकाई से 179 मेगावाट तथा 11वीं से 187 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर उत्पादन निगम की सभी इकाइयों से कुल 3883 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। जिसमें अनपरा परियोजना से 1863 मेगावाट, हरदुआगंज से 548.97 मेगावाट तथा परीछा 929 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। गत दिनों हवा के साथ बारिश होने के कारण कुछ इलाकों में कुछ दिक्कत आई थी। उसे अब धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है। काफी हद तक आपूर्ति बहाल कर ली गई है। जहां दिक्कत है वहां भी जल्द ही आपूर्ति मिलने लगेगी।
- इं. सुभाष चंद्र यादव, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल, सोनभद्र।