रेलवे ब्रिज पर झटके से बचने को बदलेगी पीलर की डिजाइन

जागरण संवाददाता दुद्धी (सोनभद्र) गढ़वा-चोपन-सिगरौली रेलखंड में चल रहे दोहरीकरण का का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:03 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:03 PM (IST)
रेलवे ब्रिज पर झटके से बचने को बदलेगी पीलर की डिजाइन
रेलवे ब्रिज पर झटके से बचने को बदलेगी पीलर की डिजाइन

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : गढ़वा-चोपन-सिगरौली रेलखंड में चल रहे दोहरीकरण का कार्य पूरा होने में अभी लंबा समय लगने की संभावना रेलवे के निर्माणदायी संस्था द्वारा जताई जा रही है। अभी तक पूरा हुए रेल खंड के कार्यों में रेलवे ब्रिज के अंतिम छोर में लगने वाले झटके को देखते हुए इंजीनियरों की टीम ने कनहर एवं ठेमा नदी पर निर्माणाधीन ब्रिज के अंतिम दोनों खंभों के डिजाइन में बदलाव के संकेत दिए हैं, जिससे यात्रियों को सामान्य रेलवे ट्रैक से ब्रिज पर पहुंचने पर झटके का एहसास न हो।

इस बाबत रेलवे के अधिशासी अभियंता पीके श्रीवास्तव ने बताया कि कनहर नदी पर बारह एवं ठेमा नदी पर सात खंभे की ब्रिज बनाई जानी है। इसके लिए पूर्व में प्रस्तावित डिजाइन के अनुसार ही नौ एवं पांच खंभों का निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि सुरक्षा की ²ष्टिकोण से ब्रिज के अंतिम छोर पर बनने वाले के डिजाइन में आंशिक तब्दीली की जा रही है, जिससे रेल यात्रा के समय तीव्र गति से भी ट्रेन के ब्रिज पार करते समय यात्रियों को किसी प्रकार के झटके का एहसास न हो सके एवं रेलवे ब्रिज भी सैकड़ों साल तक सुरक्षित रहे। शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए भूतल से करीब सात मीटर गहरा गड्ढा खोदकर तीस-पैंतीस मीटर ऊंचा खंभा तैयार किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था के जीएम राजेश सिंह के मुताबि़क ठेमा नदी के चार पीलर तैयार किए जा चुके हैं। नदी में पानी की आवक कम होने के साथ बाकी खंभों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कोविड महामारी के साथ कई अन्य तकनीकी कारणों की वजह से कार्य काफी पिछड़ा हुआ है। कोशिश है कि आगामी दिनों में कार्य में तेजी लाकर समय की क्षति को कुछ पूरा किया जा सके।

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