निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे अफसर,धरी रह गईं तैयारियां

जागरण संवाददाता सोनभद्र जिला अस्पताल में आम दिनों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। यह जरूर है कि जब कभी कोई अधिकारी निरीक्षण में आता है तो व्यवस्था टंच हो जाती है। ऐसा ही नजारा शनिवार को देखने को मिला। नीति आयोग के सीईओ आईएएस अमिताभ कांत के निरीक्षण के मद्देनजर चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ यूनिफार्म में रहा वहीं अस्पताल के बेडों पर लकलकाती चादरें बिछी रही। हैरत तो तब हुई जब अन्य दिनों की तरफ रोगियों को हाथ में दवा थमाने की बजाय शनिवार को कागज के थैले में दवा का वितरण किया गया। यह दिगर बात है कि अपरिहार्य कारणों से नीति आयोग के सीईओ का दौरा स्थगित हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 07:05 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 07:05 PM (IST)
निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे अफसर,धरी रह गईं तैयारियां
निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे अफसर,धरी रह गईं तैयारियां

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिला अस्पताल में आम दिनों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। यह जरूर है कि जब कभी कोई अधिकारी निरीक्षण में आता है तो व्यवस्था दुरुस्त हो जाती है। ऐसा ही नजारा शनिवार को देखने को मिला। नीति आयोग के सीईओ आईएएस अमिताभ कांत के निरीक्षण के मद्देनजर चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ यूनीफार्म में रहा, वहीं अस्पताल के बेडों पर लकलकाती चादरें बिछी रही। हैरत तो तब हुई जब अन्य दिनों की तरफ रोगियों को हाथ में दवा थमाने की बजाय शनिवार को कागज के थैले में दवा का वितरण किया गया। यह दीगर बात है कि अपरिहार्य कारणों से नीति आयोग के सीईओ का दौरा स्थगित हो गया।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत को शनिवार को दिन में 11.55 बजे जिला चिकित्सालय एवं 100 शैय्यायुक्त मातृ एवं शिशु विग हॉस्पिटल का निरीक्षण करना था। सीईओ के निरीक्षण के मद्देनजर जिला अस्पताल की साफ सफाई ठीक-ठाक कराई गई थी। बिना यूनीफार्म में ड्यूटी करने लाले चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ भी ड्रेस में रहे। इमरजेंसी वार्ड समेत अन्य वार्डों में बेड पर नई-नई चादरें बिछाई गई थी। डस्टबिन को भी नए-नए प्लास्टिक पहनाए गए थे। जिला अस्पताल में यह तभी होता है जबकि प्रदेश स्तर के अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि आते हैं। हालांकि शनिवार को इस तैयारी में एक कड़ी और जुड़ गई। नीति आयोग के सीईओ कहीं भड़क न जाए शनिवार को दवाघर से रोगियों को कागज के थैले में दवाइयों का वितरण किया गया जबकि इसके पहले कभी भी थैले में दवा नहीं दी गई। दवा घर से रोगियों या उनके तीमारदारों को हाथ में ही दवा की खेप पकड़ाई जाती रही है। भले ही नीति आयोग के सीईओ शनिवार को नहीं आए लेकिन उनके आड़ में थैले में दवा का वितरण शुरू होने से सभी लोगों ने राहत की सास ली है। जब से शुरुआत वहीं सौगात

कागज के थैले में दवा वितरण का शुभारंभ शनिवार से कर दिया गया है। अब रोगियों व तीमारदारों को कागज के थैले में ही दवा का वितरण किया जाएगा। कहा कि इसकी शुरुआत आज से शुरू हुई है तो लोगों के लिए यहीं सौगात है।

- डा. पीबी गौतम, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल।

chat bot
आपका साथी