ओबरा सब्जी बाजार अब होगा सेक्टर आठ में शिफ्ट

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा-सी के समतलीकरण के कारण खत्म हो रहे सब्जी बाजार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Apr 2018 10:56 PM (IST) Updated:Sun, 08 Apr 2018 10:56 PM (IST)
ओबरा सब्जी बाजार अब होगा सेक्टर आठ में शिफ्ट
ओबरा सब्जी बाजार अब होगा सेक्टर आठ में शिफ्ट

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा-सी के समतलीकरण के कारण खत्म हो रहे सब्जी बाजार को सेक्टर आठ में स्थानांतरित किया जाएगा। परियोजना प्रशासन के आश्वासन के बाद गत पांच दिनों से सब्जी बाजार में चल रही बंदी खत्म हो गई है। पांच दिनों से जबर्दश्त आंदोलन चला रहे सब्जी विक्रेताओं से शनिवार की रात को परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक इं. एके ¨सह से हुई वार्ता के बाद आंदोलन को खत्म करने का निर्णय लिया गया। परियोजना द्वारा सेक्टर आठ में सब्जी बाजार को शिफ्ट करने के निर्णय के बाद सब्जी विक्रेताओं में काफी खुशी देखी गई।

गत पांच दिनों की बंदी से जहां सब्जी व्यापारियों को 30 लाख से ज्यादा के कारोबारी नुकसान हुआ था वहीं लाखों रुपये की सब्जी और फल खराब हो गया था। इसके अलावा सब्जी विक्रेताओं की माली हालत भी खराब हो रही थी। उधर सब्जी बाजार बंद होने के कारण नागरिकों को गत पांच दिन भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। शनिवार की रात को सब्जी व फल विक्रेता मंडी समिति के अध्यक्ष अध्यक्ष राम प्रवेश जायसवाल, कोषाध्यक्ष प्रकाश कुमार जायसवाल ने भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा को ज्ञापन देने के साथ ओबरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक को भी ज्ञापन सौंपा था।

इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष ने ओबरा सीजीएम से वार्ता भी की। रात में ही वीआइपी अतिथि गृह में सीजीएम के साथ सब्जी फल मंडी समिति की वार्ता हुई। जिसमें बाजार को सेक्टर आठ में डिग्री कालेज-गीता मंदिर रोड पर शिफ्ट करने का आश्वासन सीजीएम ने दिया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के भाजपा विधानसभा प्रभारी उमेश ¨सह पटेल, यूनियन नेता धुरंधर शर्मा, मंडल महामंत्री सतीश पांडेय, जेपी ¨सह ¨हदू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री अर¨वद सोनी, नगर अध्यक्ष संजय ¨सह, नवलेश वर्मा आदी मौजूद रहे। पहले भी स्थानांतरित करने का हुआ था प्रयास

ओबरा-सी के मद्देनजर अगस्त 2015 में स्थानीय प्रशासन ने सब्जी बाजार को सेक्टर आठ में आंबेडकर स्टेडियम के बगल में स्थित खाली जगह पर स्थानांतरित करने का प्रयास किया था लेकिन परियोजना प्रशासन के इस उदार प्रयास पर तमाम लोगों के कब्जे वाली मानसिकता के कारण प्रशासन को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था। तब प्रशासन की सूचना पर 10 अगस्त 2015 को सैकड़ों लोगों ने उक्त स्थान पर जमकर कब्जा करना शुरू कर दिया।

कुछ घंटों में ही कई हेक्टेयर में फैले खाली स्थान पर लोगों ने कब्जा कर लिया। यही नहीं भारी संख्या में परियोजना कर्मियों द्वारा भी कब्जे का प्रयास किया गया। जिसको देखते हुए परियोजना प्रशासन को कड़े कदम उठाते हुए जगह को पूरी तरह खाली कराना पड़ा।

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