50 से भी ज्यादा टोलों में पेयजल संकट
पेयजल योजनाओं पर विशेष ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ग्राम पंचायत जुगैल परसोई पनारी बैरपुर भरहरी चतरवार खरहरा कुर्छा सहित कई पंचायतों के 50 से ज्यादा टोलों में जल संकट ने दस्तक दे दी है।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : पेयजल योजनाओं पर विशेष ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ग्राम पंचायत जुगैल, परसोई, पनारी, बैरपुर, भरहरी, चतरवार, खरहरा, कुर्छा सहित कई पंचायतों के 50 से ज्यादा टोलों में जल संकट ने दस्तक दे दी है। इन टोलों में पेयजल की सरकारी सुविधा नहीं होने के कारण ग्रामीण अब भी आदिम युग की तरह पानी के लिए परेशान दिख रहे हैं।
जुगैल ग्राम पंचायत के बुट्टी, बोधरा, हसरा सहित पुशरेव पश्चिम टोला, पचपड़िया टोला, नगवां, ढोलकी, तेनुटांड, औरह्वा, गर्दा के मंझारी टोला, चाडम के पश्चिम टोला, बुट्टी टोला, घोड़ाघाट, सरई टोला में चुहाड़ से पानी पीने के लिए ग्रामीण मजबूर हैं। इसके अलावा जुगैल के ही मुर्गीडांड, कतरिया, कोयरीडांड, गोरिया एवं पोशिला में गंभीर पेयजल संकट की स्थिति है। कई टोलों के ग्रामीण दो किलोमीटर दूर से पानी लाने के लिए मजबूर हैं। पनारी ग्राम पंचायत के खाड़र के अगरिया बस्ती के लोग नाले का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। पनारी के ही जुर्रा पूर्वी टोला, भोड़ार, करमसार पुरान टोला, अमरश्रोता दक्षिण टोला, महुली, पतगाड़ा, छत्ताडांड दक्षिणी टोला, चलाकी टोला, झगड़हवा टोला, फफराकुंड दक्षिण, बैरह्वा, मेरादांड पूर्वी टोला, परसोई के सेमादह टोला सहित अनगिनत टोले ऐसे हैं, जहां हैंडपंप होने से बुरी स्थिति है। पनारी के ग्राम पंचायत सचिव राम विलास यादव ने कहा कि 27 हैंडपंपों के रिबोर कराने का प्रस्ताव किया गया है, लेकिन लॉकडाउन के कारण अपेक्षित तौर पर मरम्मत कार्य नहीं हो पा रहा है। ग्राम पंचायत परसोई के केजुआरी और दसहवा टोले के ग्रामीण आधा किलोमीटर दूर से गुजरने वाली बिजुल नदी पर आज भी निर्भर हैं। सूख रहे हैं जलस्त्रोत
रेणुकापार के दर्जन भर बड़ी बंधियों के पिछले कई वर्षों से तटबंध टूटे होने के कारण पानी संकट की स्थिति है। मध्य पनारी में मौजूद रेणुकापार की सबसे बड़ी शक्तिचौरा एवं करवनिया बंधी पूरी तरह सूख गई है। बंधियों के सूखने के कारण इस क्षेत्र में जलस्तर तेजी से घटते जा रहा है। इसका असर यहां के हैंडपंपों और कुएं में दिखने लगा है। केवल पनारी ग्राम पंचायत की करमसार शक्तिचौरा बंधी, खाडर बंधी, जुर्रा बंधी, चौरिहवा बंधी, खैराही बंधी, कन्हवा बंधी, मेराडांड बंधी, चलाकी बंधी, अदराकुदर बंधी, छत्ताडांड़ बंधी, अमरस्त्रोता बंधी सूखने के कगार पर है। रेणुकापार के 20 से ज्यादा ऐसे नाले जिनपर आसपास की आबादी निर्भर है वह पूरी तरह सूख चुके हैं, जिसके कारण चुहाड़ से भी अब पानी नहीं निकल रहा है।
लगभग 300 मीटर दूर नाले से पानी लेने जाना पड़ रहा है। हैंडपंप नहीं हैं। रेणुका पार 50 से ज्यादा टोलों में हैंडपंप नहीं है। नालों के सूखने से मचा है कोहराम। दो दर्जन से ज्यादा टोलों में एक किमी दूर जाना पड़ रहा है।