सरकारी विभाग भी नहीं सहेज रहा बारिश की अनमोल बूंद

जागरण संवाददाता सोनभद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारिश का पानी सहेजने के लिए कैच द रेन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 05:47 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:49 PM (IST)
सरकारी विभाग भी नहीं सहेज रहा बारिश की अनमोल बूंद
सरकारी विभाग भी नहीं सहेज रहा बारिश की अनमोल बूंद

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारिश का पानी सहेजने के लिए कैच द रेन यानी बारिश के पानी का संचय अभियान की शुरुआत की थी। लेकिन इसका अमल सरकारी विभाग ही नहीं कर रहा है। वर्षा जल को बचाने के लिए 3286 चिन्हित सरकारी भवनों में मात्र पांच भवनों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाया गया है। यानी 3281 भवनों में जल संचयन की पहल नहीं की गई। इस कारण बारिश का पानी संचित नहीं हो पा रहा है। सरकारी विभागों से लेकर आम आदमी में उदासीनता के कारण ही बारिश का पानी जमीन के अंदर नहीं जा रहा है।

बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए लगाए जाने वाले रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का अनुपालन सरकारी भवनों पर नहीं किया जा रहा है। लघु सिचाई विभाग नोडल की तरफ से कुल 3286 सरकारी भवनों को चिन्हित किया गया था, लेकिन इसमें से मात्र पांच भवनों ही यह व्यवस्था है। उसमें भी जिला विकास अधिकारी में बहुत पहले का लगा रेन हार्वेस्टिग सिस्टम ध्वस्त हो गया है। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व का अभी अपूर्ण हैं। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अधिशासी अभियंता यूनिसेफ जल निगम, शिक्षा विभाग के एक भवन पर रेन हार्वेस्टिग सिस्टम लगाया गया है, उनमें से भी कई जगहों पर सही काम नहीं कर रहा है। इस कारण बारिश का पानी संचित नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि सोनभद्र में जल संरक्षण होना संभव नहीं है। कलेक्ट्रेट परिसर, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस लाइन, जिला विकास अधिकारी कार्यालय, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय आदि में भी इस नियम का पालन नहीं किया गया। सरकारी व गैर सरकारी स्तर भूजल में सुधार के लिए सार्थक पहल नहीं की गई। इन भवनों का हुआ था रेन हार्वेस्टिग के लिए चयन

रेन हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने के लिए पुलिस विभाग के 37, प्रभागीय वनाधिकारी के तीन, जिला विकास अधिकारी के 22, मुख्य चिकित्साधिकारी के 55, जिला विद्यालय निरीक्षक के 53, बेसिक शिक्षा अधिकारी के 2466 व जिला कार्यक्रम अधिकारी के 589 भवनों पर बारिश के पानी का संचयन करना था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया। शासन के फरमान का नहीं हुआ अनुपालन

गिरते जल स्तर में सुधार के लिए सरकार ने 2017 में भूजल संरक्षण मिशन शुरू किया। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाने को लेकर शासन स्तर पर निर्देश दिए गए कि भवनों में बारिश के पानी के संरक्षित करने अथवा उसके उपयोग के लिए इसे लगवाया जाए, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। जिम्मेदार भी अनदेखी करते रहे। यही कारण है कि यहां जल बर्बाद होते हैं। बोले अधिकारी..

कई बार संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष को पत्र भेजकर सभी विभागों से धनराशि की मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई विभाग सूचना नहीं दे सका। सूचना मिलने के बाद इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है। इसके बाद बजट आने के बाद काम कराया जाता है।

- संजय कुमार शर्मा, एक्सईएन लघु सिचाई, नोडल अधिकारी।

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