पश्चिम बंगाल के परमिट पर अंकुश के लिए खनन विभाग ने गठित की टीम
जागरण संवाददाता दुद्धी (सोनभद्र) जनपद में बंद चल रहे बालू खदानों का लाभ अवैध परिवहन में लगे लोग उठा रहे हैं। लगातार आ रही शिकायत को खनन विभाग ने गंभीरता से लिया है।
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र): जनपद में बंद चल रहे बालू खदानों का लाभ अवैध परिवहन में लगे लोग उठा रहे हैं। लगातार आ रही शिकायत को खनन विभाग ने गंभीरता से लिया है। वरिष्ठ खान अधिकारी जर्नादन द्विवेदी ने पड़ोसी राज्यों से जनपद में खनिज संपदा लेकर आने वाले वाहनों की परमिट जांच के लिए टीम गठित कर दी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल का परमिट लेकर जनपद में आने वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश के सख्ती से पालन के लिए खनन विभाग की टीम लगातार दूसरे प्रदेशों से लगने वाली सीमाओं पर चौकसी बरत रही है। फर्जी परमिट का बड़ा है सिडिकेट
जनपद में बालू खदानों के बंद होने का सबसे अधिक लाभ पड़ोसी राज्यों के खनन माफियाओं द्वारा उठाया जा रहा है। जिले से लगायत पूर्वांचल की मंडियों में सोनांचल की लाल बजरी की मांग सबसे अधिक होती है। पड़ोसी राज्य खासकर झारखंड व छत्तीसगढ़ में भी लाल बजरी निकलती है। इसी का लाभ अवैध खनन में लिप्त सिडिकेट उठा रहा था। स्थानीय लोग जहां एक ट्राली बालू के लिए तरस रहे हैं, वहीं अवैध खनन में लगे लोग स्थानीय प्रशासन के सहयोग से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक बालू झारखंड एवं छत्तीसगढ़ के साथ पश्चिम बंगाल की परमिट पर जनपद की सीमा के अंदर कर दे रहे थे। जांच में हुआ राजफाश
झारखंड से बालू लादकर चलने वाले ट्रकों को अवैध खननकर्ताओं द्वारा पश्चिम बंगाल का परिमट थमा देते थे। खनन बैरियर हटने के कारण यह बिना किसी डर के पूर्वांचल के मंडियों तक पहुंच जाते थे। कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी के निर्देश पर सीमा क्षेत्रों पर जब खनन विभाग ने सघन जांच अभियान चलाया तो उन्हें इस मामले की जानकारी हुई। पश्चिम बंगाल का परमिट बालू लदे ट्रकों के पास देखकर वे हतप्रभ हो गए थे। प्रतिक्रिया ..
पूरी तरह से लगाई गई रोक
जनपद में दूसरे प्रदेशों से आने वाले बालू लदे ट्रकों के पास पश्चिम बंगाल के परमिट को पूरी तरह से अमान्य कर दिया गया है। कारण साफ है कि पश्चिम बंगाल से कोई ट्रक बालू लादकर जनपद तक लाने में उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके अलावा छत्तीसगढ़ व झारखंड के परमिट की जांच के लिए भी टीम का गठन किया गया है।
- जर्नादन द्विवेदी, वरिष्ठ खान अधिकारी