घंटों कराते रहे झाड़फूंक,सर्पदंश से अचेत महिला की मौत

जागरण संवाददाता सोनभद्र/रामगढ़ पन्नूगंज थाना क्षेत्र के नेवारी गांव में मंगलवार की दोपहर सर्पदंश से अचेत चंद्र शांति (2

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 03:44 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 03:44 PM (IST)
घंटों कराते रहे झाड़फूंक,सर्पदंश से अचेत महिला की मौत
घंटों कराते रहे झाड़फूंक,सर्पदंश से अचेत महिला की मौत

जागरण संवाददाता, सोनभद्र/रामगढ़ : पन्नूगंज थाना क्षेत्र के नेवारी गांव में मंगलवार की दोपहर सर्पदंश से अचेत चंद्र शांति (28) पत्नी बबलू की बुधवार को मौत हो गई। वक्त से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया जाता तो जान बच भी सकती थी लेकिन परिवार के लोग 12 घंटे झाड़फूंक में ही समय गवां दिए और जब जिला अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

नेवारी गांव निवासी बबलू का खपरैल का मकान है। परिवार वालों के मुताबिक मंगलवार को अपराह्न एक बजे मिट्टी की दीवार में बने छेद से निकलकर डंसने के बाद सर्प उसी बिल में जा घुसा। चंद्र शांति के अचेत होने पर परिवार के सदस्यों के पैरों तले जमीन खिसक गई और उसे लेकर गांव के पास ही झाड़-फूंक करने वाले एक व्यक्ति के पास पहुंचे। वह दो घंटे झाड़-फूंक करता रहा लेकिन फायदा न होने पर उसकी सलाह पर चंद्र शांति को क्षेत्रीय एक अन्य झाड़-फूंक करने वाले के पास ले जाया गया गया। एक से दूसरे व दूसरे से तीसरे कुल पांच स्थानों पर झाड़-फूंक के लिए चंद्र शांति को ले जाया गया और इसमें 10 घंटे से अधिक का समय व्यतीत हो गया लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। थक हारकर परिवार के सदस्य अचेत महिला को ठीक 12 घंटे बाद रात एक बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। अंधविश्वास से जुड़ा यह मामला यहीं पर खत्म नहीं हुआ। चिकित्सकों के मृत घोषित करने के बाद उसके परिवार वाले कुछ लोगों की सलाह पर चंद्र शांति के शव को लेकर अन्यत्र झाड़-फूंक के लिए चले गए। देर न हो तो बचा लेंगे जान

सोनभद्र : जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पीबी गौतम ने बताया कि सर्प के काटने के मामलों की कोई सूची नहीं बनाई जाती है। यह जरूर है कि जिन लोगों को घटना के फौरन बाद अस्पताल लाया जाता है, उनकी जान बचा ली जाती है। लेकिन दुख की बात यह है कि ज्यादातर खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग झाड़-फूंक के चक्कर में फंसकर रोगी की जान गवां देते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। सरकारी अस्पतालों में सांप के काटने में लगने वाली एंटी स्नैक वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

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