सराहना के सही पात्र हैं कर्मयोगी, करें सम्मान
अमेरिका की मौजूदा हालत हो या चीन में ठीक होती कोरोना की स्थिति। भारत में कितने लोग कोरोना की चपेट में आकर काल के गाल में समाए इसकी सही जानकारी लेकर प्रतिदिन
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : अमेरिका की मौजूदा हालत हो या चीन में ठीक होती कोरोना की स्थिति। भारत में कितने लोग कोरोना की चपेट में आकर काल के गाल में समाए इसकी सही जानकारी लेकर प्रतिदिन कर्मयोगी आपके घर पहुंच जाते हैं। लॉकडाउन की स्थिति में तमाम बंदिशों के बावजूद आपतक सुरक्षित अखबार पहुंचाते हैं ताकि, आप लॉकडाउन का पालन करें और कोरोना को हराने में अपना सहयोग दें। इन कर्मयोगियों की सराहना के साथ सम्मान करें तो हौसला बढ़ेगा।
राबर्ट्सगंज नगरीय और देहात क्षेत्र में घर-घर पहुंचकर अखबार पहुंचाने वाले सुशील गुप्ता बताते हैं कि करीब एक दशक से लोगों तक सूचना पहुंचाने का काम करते हैं। इस कार्य में काफी चुनौतियां हैं। लॉकडाउन में लोग घर में रहें, कोरोना को हराएं इस लिए हम अपने कर्तव्यपथ पर डटे हुए हैं। प्रतिदिन जब अखबार लेकर चलते हैं तो कोई पुलिस कर्मी या अन्य तारीफ करता है तो गर्व महसूस होता है। कुछ लोग अखबार लेते वक्त धन्यवाद कहते हैं तो उनका आभार जताना अच्छा लगता है। लोगों से मिलने वाला सम्मान उत्साह बढ़ाता है।
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बोले गणमान्य--
मीडिया की सराहनीय भूमिका सदैव से रही है। आज जब पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से परेशान है, देश में लॉकडाउन है उसमें भी कर्मयोगी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को सुरक्षित अखबार दे रहे हैं। उनकी सराहना करनी चाहिए।
- अशोक सिंह, अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ
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जनता की आवाज, उसे क्या चाहिए, सरकार से मिलने वाली सामग्री में और क्या खास जरूरी है यह बात प्रशासन तक पहुंचाने के लिए मीडिया एक महत्वपूर्ण माध्यम है। सरकार की बात को भी आमजन तक पहुंचाने में कर्मयोगियों का बढि़या योगदान है। इनका सम्मान करना चाहिए।
- रवि प्रकाश चौबे, संयोजक, गुप्त काशी सेवाट्रस्ट