कनहर परियोजना को मिली 151 करोड़ की संजीवनी
उत्तर प्रदेश झारखंड व छत्तीसगढ़ के सीमांत पर निर्माणाधीन कनहर सिचाई परियोजना के लिए 12 सौ करोड़ की मांग के सापेक्ष अबकी बार के बजट में महज 151 करोड़ रुपये आवंटित की गई है। अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि इस धनराशि से परियोजना के मुख्य बांध का निर्माण पूर्ण होने की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : उत्तर प्रदेश, झारखंड व छत्तीसगढ़ के सीमांत पर निर्माणाधीन कनहर सिचाई परियोजना के लिए 12 सौ करोड़ की मांग के सापेक्ष अबकी बार के बजट में महज 151 करोड़ रुपये आवंटित की गई है। अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि इस धनराशि से परियोजना के मुख्य बांध का निर्माण पूर्ण होने की उम्मीद है।
सोमवार को बजट सत्र शुरू होने के साथ लोग विधानसभा की कार्रवाई पर टकटकी लगाए हुए थे। दोपहर बाद जैसे ही यह खबर आई, लोगों की बांछें खिल गई। हालांकि इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए मिला यह धन नाकाफी होने के बावजूद लोगों में बढ़ रही नकारात्मक सोच को सकारात्मक में बदल दिया है। परियोजना का जोर-शोर से दिसंबर 2014 में काम शुरू होने के साथ ही इसके प्रस्तावित लागत बढ़कर 2239 करोड़ हो गई थी। इसमें से अब तक करीब 21 सौ करोड़ रूपये खर्च हो चुका है। खर्च हुए राशि से विस्थापन समेत अन्य कई समस्याओं को सुलझाने के बावजूद महज मुख्य बांध पर बीते करीब एक साल से कच्छप गति से कार्य चल रहा है, जबकि संपूर्ण परियोजना की लागत करीब साढ़े बारह सौ करोड़ रुपये और बढ़ाने के लिए पत्रावली शासन में बीते साल से लंबित है। इसको लेकर शासन के स्पष्ट रुख न मिलने से क्षेत्रवासियों में परियोजना को लेकर एक बार फिर नकारात्मक सोच बनने लगी थी, लेकिन लोगों को जैसे ही कनहर परियोजना के कार्यों के लिए 151 करोड़ आवंटन की सूचना की बात समाने आई, लोगों के आंखों की चमक बढ़ गई। 1976 से शुरु हुई है परियोजना
कनहर परियोजना में बांध के निर्माण की आधारशिला 1976 में तत्कालीन सीएम नारायण दत्त तिवारी ने रखी थी। इसके बाद सपा व बसपा की सरकारों ने कुछ काम कराया कितु इसकी उपेक्षा ही होती रही। अब एक बार पुन: आशा की किरण दिखी है।