पराली जलाने से रोकेगी तीन विभागों की संयुक्त टीम

जागरण संवाददाता सोनभद्र जिले में पराली न जले व प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गुरुवार को जिलाधिकारी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 05:27 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 03:56 AM (IST)
पराली जलाने से रोकेगी तीन विभागों की संयुक्त टीम
पराली जलाने से रोकेगी तीन विभागों की संयुक्त टीम

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले में पराली न जले व प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गुरुवार को जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने किसानों व अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट में बैठक की। कहा कि जिले के किसान के साथ ही नागरिक भी पराली न जलाएं। बताया कि जिले में पराली जलाने की घटना पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए राजस्व, पुलिस व कृषि विभाग के अधिकारियों को शामिल करते हुए 14 टीमों का गठन किया गया है।

उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में कृषक मजदूरों की कमी होने के कारण फसलों की कम्बाइन से कटाई होने पर अधिकतर क्षेत्रों में कृषकों द्वारा फसल अवशेष जलाने की शिकायत संभावित थी। इससे वातावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ मृदा में पोषक तत्वों की अत्यधिक क्षति होना भी तय था। पराली जलाने से मृदा के भौतिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। इसलिए पराली जलाने की निगरानी अब सेटेलाइट सिस्टम से होने लगी है। अपील करते हुए कहा कि किसान फसल के अपशिष्टों को भी सुरक्षित जगह पर रखें। उन्होंने कहा कि पराली जलाने को शत-प्रतिशत रोकना बेहद जरूरी है। किसानों को समझाते हुए कृषि अधिकारी पीयूष राय ने कहा कि फसल अवशेष मृदा में सड़कर जैविक खाद बन जाता है, जिससे मृदा में जीवांश कार्बन की मात्रा में वृद्धि होने से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल द्वारा खेतों में फसल अवशेषों को जलाने के इन कुप्रभावों को देखते हुए इस पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से अर्थदंड निर्धारण करने की व्यवस्था की गई है। बताया कि कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदंड दो हजार 500 प्रति घटना है। कृषि भूमि का क्षेत्रफल पांच एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदंड पांच हजार प्रति घटना व कृषि भूमि का क्षेत्रफल 5 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदंड 15 हजार प्रति घटना है। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष अमरेश सिंह पटेल, सीडीओ डा. अमित पाल शर्मा, एडीएम योगेन्द्र बहादुर सिंह, उप निदेशक कृषि एके गुप्ता, जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय, लालजी तिवारी, हिमांशु सिंह आदि रहे।

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