खड़ी कार में एसी व हीटर चलाकर बैठना है खतरनाक
दिसंबर-जनवरी के महीने में जब हाड़ कंपाने वाली ठंडक पड़ती है तो उन दिनों कार के हीटर का इस्तेमाल करना आम बात हो गई है। ..लेकिन इसे इस्तेमाल करते समय क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए इस पर शायद ही कोई सोचता होगा। अक्सर ध्यान न देने और लापरवाही पूर्वक हीटर का इस्तेमाल करना काफी नुकसान दायक होता है। कई बार लोगों के दम भी घुटने लगते हैं। इस लिए इस स्थिति से बचने के लिए हर किसी को जागरूकत और जानकार होना जरूरी है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : दिसंबर-जनवरी के महीने में जब हाड़ कंपाने वाली ठंडक पड़ती है तो सफर के दौरान लोग कार के हीटर का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। ..लेकिन इसे इस्तेमाल करते समय क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए इस पर शायद ही कोई सोचता होगा। अक्सर ध्यान न देने और लापरवाही पूर्वक हीटर का इस्तेमाल करना काफी नुकसानदायक होता है। कई बार लोगों का दम भी घुटने लगता है। इसलिए इस स्थिति से बचने के लिए हर किसी को जागरूक और जानकार होना भी जरूरी है।
वाहनों में लगे हीटर व एसी को चालू करना तो सामान्य सी बात हो गई है। जब भी कोई कार में बैठता है तो सबसे पहले सर्दी के सीजन में हीटर और गर्मी के सीजन में एसी चालू करने के लिए बोलता है। जिस गाड़ी में एसी या हीटर नहीं होता उस वाहन का लोग इस्तेमाल तक नहीं करते। यातायात नियमों के जानकार बताते हैं कि दम न घुटे इसके लिए जरूरी है कि एसी या हीटर का इस्तेमाल सावधानी से किया जाए। यह स्वास्थ्य के लिए जहां फायदेमंद है वही वाहन का माइलेज भी अच्छा मिलता है। कार को स्टार्ट करते ही हीटर चालू नहीं करना चाहिए। उस समय गाड़ी का इंजन ठंडा होता है। ऐसे में हीटर आन करेंगे तो तेल की बर्बादी होगी। दरअसल गाड़ी स्टार्ट करने पर कार का इंजन जल्दी गर्म हो इसलिए ज्यादा तेल खर्च होने लगता है। ऐसे में अगर हीटर भी आन कर देंगे तो इंजन गर्म होने में और ज्यादा समय लग जाएगा। इससे तेल का भी ज्यादा इस्तेमाल होगा। बंद कार में एसी या हीटर चलाकर बच्चों को अकेले न छोड़ें। ..क्योंकि बंद कार बिना वेंटलेशन के ग्रीनहाउस की तरह काम करती है। यानी कार के भीतर का तापमान बाहर की तुलना में 20 डिग्री से भी ज्यादा हो सकता है। तापमान बढ़ाना छोटे बच्चों के लिए खतरनाक होता है। गैराज में कार चालू कर अंदर न बैठें
अक्सर लोग फोन पर बात करने या गोपनीय बातचीत के लिए गैराज के अंदर गाड़ी को खड़ा करते हैं और कुछ देर उसी में बैठकर आपस में बात करते हैं। उस दौरान एसी या हीटर भी चला लेते हैं। जो काफी खतरनाक होता है। जिला अस्पताल के डाक्टर पीबी गौतम की मानें तो कार के अंदर आक्सीजन की कमी होने और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से दम घुट सकता है। इसलिए कार में एसी चलाकर बैठने से पहले थोड़ा सा शीशा खोल लें, जिससे साफ हवा कार के अंदर आएगी और सांस लेने में मुश्किल नहीं होगी। कार के एसी से अंदर तो ठंडा हो जाता है लेकिन इसकी वजह से इंजन काफी गर्म हो जाता है। जिससे कई बार हादसा भी हो सकता है। इसलिए हर छह महीने के बाद कार के एयर कंडीशन सिस्टम को जरूर चेक करवाएं। कार में अंगीठी रखकर न करें सफर
कार चलाते समय अंगीठी रखकर कभी भी सफर नहीं करना चाहिए, इससे जान भी जा सकती है। डाक्टर के मुताबिक अंगीठी का धुआं जहरीला होता है अगर कार पूरी तरह से बंद है और जहरीला धुआं कार में बनेगा तो उससे आग भी लग सकती है। जान भी जा सकती है। आक्सीजन की कमी के कारण भी बड़ी दिक्कत हो सकती है। डाक्टर की सलाह
अंगीठी, हीटर व एसी से तमाम ऐसी गैसें निकलती हैं जो खतरनाक होती हैं। इसलिए कार चलाते समय सावधानी जरूरी है। बच्चों के मामले में अक्सर देखा जाता है कि लोग बाजार तो बच्चों को लेकर जाते हैं लेकिन दुकान में जाने से पहले बच्चों को कार में बैठाकर शीशा बंद कर देते हैं। कार की ऐसी या हीटर चालू कर देते हैं। इससे कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। ऐसा नहीं करना चाहिए। आक्सीजन मिले इसके लिए शीशा थोड़ा खोल देना चाहिए।
-डा.पीबी गौतम। यातायात के जानकार की सलाह
यातायात नियमों के तहत ही किसी को कार चलाना चाहिए। रही बात हीटर व एसी की तो इसका इस्तेमाल भी सही समय पर करें। जब भी कार से बाहर निकलें तो बच्चों को अकेले कार में एसी या हीटर चलाकर न छोड़ें। ..क्योंकि एक तरह से आप के तेल की बर्बादी होगी और दूसरे खतरा बना रहता है। अंगीठी रखकर भी कार चलाना जान हथेली पर रखने के बराबर है। कभी भी ¨जदगी से खिलवाड़ न करें। यातायात नियमों का पालन करें और और सुरक्षित यात्रा करें।
-ज्ञान प्रकाश राय, सीओ-ट्रैफिक।