कोयला क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए मंथन

कोल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी प्रमोद अग्रवाल ने शुक्रवार को एनसीएल में

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 07:31 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:31 PM (IST)
कोयला क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए मंथन
कोयला क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए मंथन

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : कोल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी प्रमोद अग्रवाल ने शुक्रवार को एनसीएल में आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन ओपेन कास्ट माइनिग टेक्नालजी एंड सस्टेनिबिलिटी आइकाम्स का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने आयोजन को कोयला उद्योग के लिए अत्यंत ही प्रासंगिक बताया। कहा कि विश्व के प्रतिष्ठित खनन पेशेवर, तकनीकी विशेषज्ञ, शिक्षाविद, वैज्ञानिक, शोधकर्ता तथा विद्यार्थी देश की गतिशील अर्थव्यवस्था के अनुरूप कोयला क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए चितन-मंथन कर शोध पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं।

एनसीएल के सीएमडी पीके सिन्हा ने कहा कि आइकाम्स ओपेन कास्ट कोयला खनन में आधुनिकतम वैश्विक तकनीकियों, नवाचारों तथा अनुसंधानों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पर्यावरण अनुकूल माध्यमों से कंपनी वर्ष 2023-24 तक 130 मिलियन टन कोयला उत्पादन एवं प्रेषण करेगी। इसके नवीकरण एवं विकास पर 7000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। जीएम सतीश झा ने स्वागत एवं जीएम निगाही जेपी द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। चेयरमैन ने किया प्रदर्शनी

का ई-उद्घाटन

प्रदर्शनी में 50 बहुराष्ट्रीय कंपनियां, एमएसएमई व एनसीएल-आइआइटी बीएचयू इंक्यूबेशन सेंटर से संबद्ध स्टार्ट-अप खनन क्षेत्र से संबंधित नवीनतम प्रौद्योगिकी और नवाचारों को प्रदर्शित किया। एनसीएल के सीएमडी ने पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया। निदेशक डा. अनिद्य सिन्हा ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से हम कोयला खनन के बेहतर व पर्यावरणीय तरीकों व स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नई संभावनाओं का अध्ययन कर रहे हैं।

देश-विदेश के 85 शोध-पत्र

हुए शामिल

दो दिवसीय कांफ्रेंस में यूएसए, आस्ट्रेलिया, टर्की, कोरिया, ईरान समेत देश-विदेश के वैज्ञानिक, शिक्षाविद व तकनीकी विशेषज्ञ लगभग 85 रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर रहे हैं। आइआइटी बीएचयू नालेज-पार्टनर है। आइआइटी बीएचयू ने शोध-पत्रों के चयन, वेबसाइट प्रबंधन व अन्य तकनीकी सहायता प्रदान की है।

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