तापमान बढ़ने पर बिजली की मांग में वृद्धि जारी

पिछले डेढ़ माह से चल रही बिजली की मांग में कमी का सिलसिला रुकते दिख रहा है। पिछले एक सप्ताह में बिजली की मांग में चार हजार मेगावाट की वृद्धि दर्ज की गयी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Mar 2020 04:50 PM (IST) Updated:Fri, 20 Mar 2020 04:50 PM (IST)
तापमान बढ़ने पर बिजली की मांग में वृद्धि जारी
तापमान बढ़ने पर बिजली की मांग में वृद्धि जारी

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : गत डेढ़ माह से चल रही बिजली की मांग में कमी का सिलसिला थमता दिख रहा है। गत एक सप्ताह में बिजली की मांग में चार हजार मेगावाट की वृद्धि दर्ज की गई है। तापमान में आंशिक वृद्धि के कारण अब मांग में वृद्धि हो रही है। गत कई वर्षों के दौरान देखा गया है कि मार्च के अंतिम दो सप्ताह में बिजली की मांग में वृद्धि होती है। ऐसे में अब बिजली की मांग में वृद्धि की पूरी संभावना है। अभी तक चालू मार्च माह में अधिकतम मांग गुरुवार को पीक आवर के दौरान 14305 मेगावाट के करीब रही। मार्च 2019 में बिजली की अधिकतम मांग 16340 मेगावाट थी वहीं अधिकतम प्रतिबंधित मांग 15177 मेगावाट रही। इसी तरह मार्च 2018 में अधिकतम मांग 15884 मेगावाट तथा प्रतिबंधित मांग 15709 मेगावाट के करीब रही। फिलहाल अधिकतम तापमान 31 डिग्री के आसपास रह रही है, लेकिन 25 मार्च तक तापमान के 35 डिग्री पार होने की संभावना है। 35 डिग्री से ज्यादा तापमान होने पर बिजली की मांग के 16 हजार मेगावाट पार होने की संभावना रहेगी। अभी तापमान के 35 डिग्री से कम होने के कारण उत्पादन निगम सहित निजी और केन्द्रीय सेक्टर की 14 इकाइयों को शटडाउन पर रखा जा रहा है। साथ ही चालू इकाइयों से भी थर्मल बैकिग कराई जा रही है। 14 इकाइयों को शट डाउन पर लेने के कारण लगभग 4045 मेगावाट उत्पादन कम हुआ है। जिसमें उत्तर प्रदेश का हिस्सा 3964 मेगावाट है। जहां उत्पादन निगम की कुल 815 मेगावाट क्षमता की चार इकाईयों को बंद कराया गया है वहीं केंद्रीय और निजी सेक्टर की कुल 3230 मेगावाट क्षमता की 10 इकाइयों को शट डाउन पर लिया गया है। आने वाले दिनों में तापमान वृद्धि के साथ शटडाउन वाली इकाइयों को चालू कराया जा सकता है। मांग में हुई वृद्धि

पिछले एक सप्ताह के दौरान मांग में चार हजार मेगावाट की वृद्धि हुई है। गुरुवार को अधिकतम प्रतिबंधित मांग 13887 मेगावाट रही। उससे पहले 18 मार्च को 14082 मेगावाट,17 को 13617 मेगावाट, 16 को 12735 मेगावाट, 15 को 12492 मेगावाट, 13 को 11264 मेगावाट, 12 मार्च को 12283 मेगावाट, 11 मार्च को 10783 मेगावाट तथा 10 मार्च को अधिकतम प्रतिबंधित मांग 10593 मेगावाट के करीब रही। मांग में लगातार कमी के कारण शुक्रवार दोपहर 12 बजे उत्पादन निगम की चालू इकाइयों से 2231 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर निजी बिजली घरों से मात्र 2200 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। वहीं पिपरी जल विद्युत और ओबरा जल विद्युत घर की कुल पांच इकाइयों से 131 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। उधर, दिन में मांग में कमी के बीच ओबरा की चालू 200 मेगावाट वाली नौवीं इकाई से 99 मेगावाट तथा 10वीं इकाई से 97 मेगावाट, 11वीं इकाई से 98 मेगावाट तथा 12वीं इकाई से 99 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। दिन में ओबरा के उत्पादन में 300 मेगावाट की कमी की जा रही है।

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