दुर्गमता ने सेमरतर को मातम के चरम पर पहुंचाया
जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) दुर्गमता ने रेणुकापार के आदिवासी बाहुल्य एक टोले को भारी त्रासदी में डाल दिया है। नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 40 किमी दूर होने सहित सड़कों की खस्ता हालत ने ग्राम पंचायत पनारी के सेमरतर टोला को मातम के चरम पर पहुंचा दिया है। पिछले एक माह से ग्राम पंचायत पनारी के सेमरतर में शुरू हुआ मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यहां पिछले एक माह में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : दुर्गमता ने रेणुकापार के आदिवासी बाहुल्य एक टोले को भारी त्रासदी में डाल दिया है। नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 40 किमी दूर होने सहित सड़कों की खस्ता हालत ने ग्राम पंचायत पनारी के सेमरतर टोला को मातम के चरम पर पहुंचा दिया है। पिछले एक माह से ग्राम पंचायत पनारी के सेमरतर में शुरू हुआ मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यहां पिछले एक माह में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस क्षेत्र में पीएफ (प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम) मलेरिया का प्रकोप ग्रामीणों को असमय मौत की दहलीज पर ले आ रहा है। वर्तमान में भी इस गांव में कई ग्रामीण गंभीर बुखार सहित अन्य रोगों की चपेट में हैं। अत्यंत दुर्गमता के साथ किसी तरह की परिवहन व्यवस्था नहीं होने के कारण सही समय पर अपेक्षित इलाज नहीं मिल पा रहा है। अभी तक यहां पर अर्जुन अगरिया की दो वर्षीय पुत्री, साबिर अगरिया की 20 वर्षीय एवं 15 वर्षीय पुत्रियों, विजय प्रताप के दो वर्षीय और एक वर्षीय पुत्र, सुनील की तीन वर्षीय पुत्री, राजमोहन (60), राम जियावन की चार वर्षीय पुत्री की बुखार के कारण मौत हो गई। इसके अलावा सुनील (25) की टीबी से मौत हो गयी। ऐसी ही हालत इससे सटे चौरिहवा और खैराही टोले की भी है। गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की स्थिति और खराब
पनारी ग्राम पंचायत के ये टोले गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए असमय मौत का केंद्र बन गए है। यहां तक सरकारी एंबुलेंस का नहीं पहुंच पाना समस्या का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। पिछले एक माह के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए स्थिति काफी खराब रही है। सेमरतर की मनीता देवी (30) पत्नी बुद्धिराम की गर्भवती पत्नी की मौत केवल दुर्गमता के कारण हो गई।