अस्थायी पुल बनाकर बालू का हो रहा अवैध खनन
सीमावर्ती कुड़ारी इलाके में सोन नदी में अस्थायी पुल बनाकर बालू खनन करने से ग्रामीणों में आक्रोश है। नदी में पुल बनाए जाने से नदी का प्राकृतिक प्रवाह पूरी तरह प्रभावित हो गया है। अस्थायी पुल बनाकर नदी के तलहटी से बालू निकाली जा रही है। बालू खननकर्ताओं ने प्रतिबंधित सेंचुरी इलाके में यह कारनामा किया है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : सीमावर्ती कुड़ारी इलाके में सोन नदी में अस्थायी पुल बनाकर बालू खनन करने से ग्रामीणों में आक्रोश है। नदी में पुल बनाए जाने से नदी का प्राकृतिक प्रवाह पूरी तरह प्रभावित हो गया है। अस्थायी पुल बनाकर नदी के तलहटी से बालू निकाली जा रही है। बालू खननकर्ताओं ने प्रतिबंधित सेंचुरी इलाके में यह कारनामा किया है। मध्यप्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश के सोनभद्र सहित बिहार और झारखंड के कई जनपदों के लिए जीवन दायिनी सोन नदी को रोकने से चिताजनक स्थिति पैदा हो सकती है। मध्यप्रदेश के सीमावर्ती ठठरा ग्राम पंचायत में हुई बालू लीज के आड़ में उत्तर प्रदेश की सीमा में भी जमकर खनन किया जा रहा है। रोजाना यहां सैकड़ों ट्रक बालू निकाली जा रही है। यहां से निकलने वाली 90 फीसद से ज्यादा बालू सोनभद्र सहित उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में जा रही है। भारी पैमाने पर ट्रकों के चलने से निर्माणाधीन चौरा-कुड़ारी मार्ग को भारी क्षति पहुंचना शुरू हो गया है। सोनभद्र में एक भी बालू खदान नहीं चलने से ज्यादातर ट्रकें इस खदान तक आने लगी हैं, जिसके कारण सड़कों पर रोजाना भारी जाम लग रहा है।
अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह कहा कि बालू खनन अगर यूपी की सीमा में हो रहा है तो इसकी जांच की जाएगी। पूर्व में भी इसकी जांच की गई थी। जिसमें अपनी सीमा में खनन के लिए निर्देशित किया गया था। इस संबंध में टीम भेजी जाएगी।