कदम-कदम पर हो रही यातायात नियमों की अनदेखी
जागरण संवाददाता सोनभद्र सड़कों पर होने वाले हादसों के लिए मुख्य रूप से यातायात नियमों ।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सड़कों पर होने वाले हादसों के लिए मुख्य रूप से यातायात नियमों से लेकर उनके पालन में लापरवाही सबसे बड़ा कारक है, लेकिन सुव्यवस्थित सड़कों के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के मामले में भी कमी है। सड़कें मानव संसाधनों के बेहतर उपयोग और आर्थिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण साधन रही हैं। सड़कों पर दुर्घटनाएं और उन पर होने वाली मौतें चिता का कारण हैं। हालांकि इस चिता से निबटने के लिए ठोस पहल भी शुरू हो गई है। जिले में आंकड़ों के मुताबिक तीन वर्षों में 488 सड़क हादसे हुए हैं। इसमें 719 घायल हो गए जबकि 561 की मौत हुई है। माना जा रहा है कि वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग जब से फोरलेन हुआ है हादसों में कमी आई है। ज्यादातर हादसे यातायात नियमों की अनदेखी के कारण हुए हैं।
जिले में इतनी बड़ी तादाद में होने वाले सड़क हादसों से न केवल बहुत सारे परिवार टूट जाते हैं, उनके विकास पर उल्टा असर पड़ता है। हादसों में मरने वालों में ज्यादातर पैदल व बाइक से चलने वाले होते हैं। इसमें युवाओं की तादाद अधिक होती है। ऐसे भी तमाम हादसे हुए है जिसमें युवा की मौत के बाद बुजुर्ग माता-पिता के कंधे का सहारा हमेशा के लिए काल के गाल में समा गया या पत्नी व बच्चों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई। इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है। यातायात नियमों की अनदेखी से हो रहे सड़क हादसें
जिले में सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह यातायात नियमों की अनदेखी है। यहां यातायात नियमों का पालन गिने-चुने लोग ही करते हैं। जिन कंधों पर यातायात नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी है वे भी कहीं न कहीं इस मामले में चूक कर जाते हैं। बाइक सवारों को हेलमेट व कार चालक को सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है लेकिन जनपद में इस पर न तो चालक गंभीर है और नहीं पालन कराने वाले। 60 फीसद बाइक सवार हेलमेट पहनते ही नहीं और 40 फीसद कार चलाने के दौरान सीट बेल्ट का भी प्रयोग नहीं करते। ओवरटेक, लेन बदलने, वाहन की रफ्तार, दाएं व बाएं का ख्याल न रखने जैसी बातों पर लापरवाही बरते से हादसे हो रहे हैं। गड्ढे में तब्दील सड़क बन रही बड़े हादसे की वजह
वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग की दशा काफी ठीक है लेकिन हाथीनाला से रेणुकूट, रेणुकूट से अनपरा, अनपरा से शक्तिनगर व दुद्धी में रीवा-रांची राजमार्ग की बात करें तो ये सड़़कें काफी खराब हैं। इन सड़कों पर ज्यादा हादसे हो रहे हैं। रेणुकूट से अनपरा तक सड़क को देख यह नहीं समझा जा सकता है कि सड़क में गड्ढे है या फिर गड्ढों में सड़क। हालांकि अनपरा के औड़ी मोड़ से शक्तिनगर तक मार्ग को फोरलेन किया जा रहा है। यह काम कब तक पूरा होगा कहा नहीं जा सकता है। डग्गामार वाहन बनते हैं दुर्घटना की वजह
जिले में डग्गामार वाहनों की भरमार है। बिना परमिट तमाम सड़कों पर अवैध तरीके से यात्रियों को भूसे की तरह भरकर बसें फर्राटा भर रही हैं। तमाम बसों का फिटनेस भी फेल हो गया है। इसके अलावा पिकअप, आटो, यहां तक कि ट्रकों व ट्रैक्टर ट्रालियों पर श्रमिकों को भरकर एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाया जाता है। ये वाहन हादसे की वजह बनते हैं तो कोहराम मच जाता है। सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए सड़कों का बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण होता है। कुछ वर्षों से देश ही नहीं प्रदेश में भी सड़कों की स्थिति काफी सुधरी है। यातायात नियमों का पालन कराने की भी पूरी कोशिश की जा रही है। कार्रवाई होने के बावजूद तमाम लोग हेलमेट, सीटबेल्ट पहनने व लगाने से परहेज कर रहे हैं, जबकि दोनों चीजें उन्हीं की सुरक्षा के लिए अहम है। - आशीष श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक। सड़क हादसों पर एक नजर
वर्ष - हादसों की संख्या - घायल - मौत
2017 - 173 - 250 - 206
2018 - 167 - 280 - 206
2019 - 148 - 189 - 149