तकनीकी बदलाव में आइकोम्स का योगदान अहम
एनसीएल मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय दूसरी इंटरनैशनल कान्फ्रेंस आन ओपन कास्ट माइनिग टेक्नालोजी एंड सस्टेनेबिलिटी (आइकोम्स-2019) का समापन शनिवार को विभिन्न कार्यक्रमों के साथ किया गया।
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : कोयला खनन तकनीकों के बदलाव में आइकोम्स का अहम योगदान होगा। इससे कोयला क्षेत्र की विभिन्न चुनौतियों को हल करने में मदद मिलेगी। ये बातें शनिवार को एनसीएल के निदेशक तकनीकी-संचालन गुणाधर पाण्डेय ने कही।
एनसीएल मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय दूसरी 'इंटरनेशनल कान्फ्रेंस आन ओपन कास्ट माइनिग टेक्नालोजी एंड सस्टेनबिलिटी (आइकोम्स-2019) का समापन अवसर पर श्री पाण्डेय ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से सिगरौली आकर अपना बहुमूल्य ज्ञान साझा करने के लिए खनन विशेषज्ञों का एनसीएल की ओर से आभार जताया। एनसीएल के निदेशक (वित्त) एनएन ठाकुर ने दुनिया भर के खनन विशेषज्ञों की सहभागिता से इस कान्फ्रेंस को नई ऊंचाई मिली। यह एनसीएल के लिए गौरवपूर्ण एवं ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने आइकोम्स में प्रस्तुत पेपर्स एवं पोस्टर को कोयला उद्योग में अपनाने को कहा।
दो दिवसीय आइकोम्स-2019 के आयोजन में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालोजी (आइआइटी), बीएचयू वाराणसी ने नॉलेज पार्टनर कान्फ्रेंस में शिरकत की। कार्यक्रम में ओपन कास्ट खदानों के विशेषज्ञ शिक्षाविद, वैज्ञानिकों व कोयला खनन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े प्रोफेशनल्स (पेशेवरों) ने कोयला क्षेत्र की चुनौतियों, तकनीकों व भविष्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग माध्यमों से चर्चा कर ज्ञान साझा किया। कार्यक्रम में यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी दिए गए। टेक्निकल कमेटी के प्रमुख जेपी द्विवेदी ने मौजूद थे।